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सट्टेबाजी Apps पर सख्ती! सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स पर गंभीर टिप्पणी करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने पूछा—अब तक इन पर रोक क्यों नहीं लगी? जवाब के लिए 4 हफ्ते का समय।

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Ajit Kumar Pandey
SUPREME COURT, GAMING APPS
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । सट्टेबाजी की दुनिया पर सुप्रीम कोर्ट ने उठाया बड़ा कदम। देशभर में बढ़ती ऑनलाइन जुएबाज़ी पर अदालत ने चिंता जताई। केंद्र सरकार से मांगा जवाब- क्यों नहीं हो रही रोकथाम? जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दी कड़ी टिप्पणी। क्या अब बंद होंगे सट्टा ऐप्स? जानिए पूरी रिपोर्ट।

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supreme court ने ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स के बढ़ते प्रभाव और इनके जरिए युवाओं के मानसिक व आर्थिक शोषण को गंभीर मानते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पूछा है कि आखिर इन अवैध ऐप्स पर रोक लगाने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं?

ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स देश में तेजी से पैर पसारते जा रहे हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और अन्य खेलों से जुड़े ये ऐप्स युवाओं को बड़ी संख्या में अपनी गिरफ्त में ले रहे हैं। अब इस गंभीर मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया है। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि इन ऐप्स पर रोक लगाने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं।

कोर्ट की तीखी टिप्पणी

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सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि ये ऐप्स केवल जुआ ही नहीं फैला रहे, बल्कि समाज में अव्यवस्था और युवाओं के भविष्य को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। कोर्ट ने इसे एक ‘गंभीर सामाजिक समस्या’ बताया और केंद्र से इसकी तकनीकी और कानूनी स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है।

जनहित याचिका में क्या कहा गया?

यह याचिका एक सामाजिक कार्यकर्ता की ओर से दायर की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि भारत में बिना किसी वैधानिक अनुमति के दर्जनों सट्टेबाजी ऐप्स संचालित हो रहे हैं। इनमें से कई विदेशी कंपनियों द्वारा चलाए जा रहे हैं और इनके जरिए काले धन की आवाजाही भी हो रही है।

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केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल

याचिकाकर्ता ने यह भी सवाल उठाया कि सरकार इतने समय से इस मुद्दे पर चुप क्यों है? क्या सरकार को इन ऐप्स की जानकारी नहीं है या फिर जानबूझकर इसे नजरअंदाज़ किया जा रहा है?

क्या हो सकती है अगली कार्रवाई?

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केंद्र सरकार को चार सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा गया है। इसके बाद कोर्ट अगली सुनवाई में यह तय कर सकती है कि क्या इन ऐप्स पर बैन लगाया जाए या इनके खिलाफ कोई नया कानून लाया जाए। इस कार्रवाई से देश में ऑनलाइन सट्टेबाजी पर एक बड़ा असर पड़ सकता है।

क्या आपको लगता है कि सट्टेबाजी ऐप्स पर तुरंत रोक लगनी चाहिए? अपने विचार नीचे कमेंट में साझा करें।

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