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अनंत अंबानी के वंतारा की जांच कराएगा सुप्रीम कोर्ट, बनाई SIT

वंतारा की स्थापना अनंत मुकेश अंबानी ने की थी। यह रिलायंस फाउंडेशन की पशु बचाव, देखभाल और पुनर्वास नीति से जुड़ी पहल है। इसका उद्घाटन पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

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Shailendra Gautam
Anant Ambani

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रिलायंस फाउंडेशन के स्वामित्व वाले गुजरात के जामनगर स्थित वंतारा ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया। एसआईटी का नेतृत्व शीर्ष अदालत के रिटायर जस्टिस चेलमेश्वर करेंगे। इसमें उत्तराखंड और तेलंगाना हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र चौहान, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले और भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी अनीश गुप्ता भी शामिल होंगे।

वंतारा के खिलाफ दायर याचिकाओं पर दिया आदेश

एसटीआई के गठन का आदेश जस्टिस पंकज मिथल और प्रसन्ना बी वराले ने वंतारा पर भारत और विदेशों से अवैध रूप से जानवरों को प्राप्त करने, बंदी जानवरों के साथ दुर्व्यवहार, वित्तीय अनियमितताओं और मनी लांड्रिंग का आरोप लगाने वाली याचिकाओं पर पारित किया।
अदालत ने कहा कि याचिकाएं केवल समाचार रिपोर्टों, सोशल मीडिया इनपुट और गैर-सरकारी संगठनों की शिकायतों पर आधारित थीं, जिनमें कोई भी साक्ष्य नहीं था।

आरोप केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण और सीआईटीईएस जैसी संस्थाओं तक भी फैले हुए थे, इसलिए बेंच ने कहा कि तथ्यों का पता लगाने के लिए जांच आवश्यक है। कोर्ट ने कहा कि बेदाग और उच्च प्रतिष्ठा वाले सम्मानित व्यक्तियों की एसआईटी के गठन का निर्देश देना जरूरी है।

पीएम मोदी ने किया था वंतारा का उद्घाटन

वंतारा की स्थापना अनंत मुकेश अंबानी ने की थी। यह रिलायंस फाउंडेशन की पशु बचाव, देखभाल और पुनर्वास नीति से जुड़ी पहल है। इसका उद्घाटन पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

एसआईटी को इन बिंदुओं पर जांच करनी होगी

- भारत और विदेशों से जानवरों, विशेष रूप से हाथियों का अधिग्रहण।

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- वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 और अधिनियम के तहत चिड़ियाघरों के लिए बनाए गए नियमों का अनुपालन।

- जीवों की लुप्तप्राय प्रजातियों के व्यापार पर सीआईटीईएस और जीवित पशुओं के आयात/निर्यात से संबंधित आयात/निर्यात कानूनों और अन्य वैधानिक आवश्यकताओं का अनुपालन।

- पशुपालन, पशु चिकित्सा देखभाल, पशु कल्याण, मृत्यु दर और कारणों के मानकों का अनुपालन।

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- जलवायु परिस्थितियों से संबंधित शिकायतें और औद्योगिक क्षेत्र के निकट स्थान से संबंधित आरोप।

- निजी संग्रह, प्रजनन, संरक्षण कार्यक्रमों और जैव विविधता संसाधनों के उपयोग से संबंधित शिकायतें।

- जल और कार्बन क्रेडिट के दुरुपयोग से संबंधित शिकायतें।

- याचिकाओं में दर्ज कानून के विभिन्न प्रावधानों के उल्लंघन, पशुओं या पशु उत्पादों के व्यापार, वन्यजीव तस्करी आदि के आरोपों से संबंधित शिकायतें।

- मनी लांड्रिंग से संबंधित शिकायतें।

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- इन याचिकाओं में लगाए गए आरोपों से संबंधित किसी अन्य विषय, मुद्दे या मामले से संबंधित शिकायतें।

अदालत ने केंद्रीय चिड़ियाघर अथारिटी, सीआईटीईएस, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और गुजरात सरकार को एसआईटी को सहायता मुहैया कराने का निर्देश दिया। न्यायालय के आदेश के अनुसार, एसआईटी वनतारा केंद्र का निरीक्षण भी करेगी। कोर्ट ने आदेश दिया कि एसआईटी अपने निष्कर्षों के आधार पर आवश्यक किसी भी कार्रवाई पर भी अपनी राय देगी। एसआईटी को 12 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। इस मामले को 15 सितंबर को लिस्ट किया गया है।

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