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आज पवित्र श्रावण मास का पहला दिन, देशभर के शिवालयों में गूंजा हर हर महादेव | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।आज शुक्रवार 11 जुलाई 2025 को हिंदू धर्म का पवित्र महीना सावन का पहला दिन है। श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित रहता है। पूरे महीने शिवभक्त व्रत रखकर शिवालयों में जाकर भगवान आशुतोष की आराधना करते हैं। साथ ही पूरे देश के श्रद्धालु भोला बनकर उत्तराखंड के पवित्र नदी के गंगा से जल लेने आते हैं।
पवित्र श्रावण मास के पहले दिन देशभर के शिवालय 'हर हर महादेव' के जयकारों से गूंज रहे हैं। शिवभक्तों का उत्साह चरम पर है, जो इस पवित्र महीने में भगवान शिव की आराधना में लीन होने को बेताब हैं। इस खास अवसर पर पढ़िए कैसे सावन का पहला दिन शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है और देशभर में क्या खास तैयारियां की गई हैं।
भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत में श्रावण मास का अपना एक विशेष स्थान है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित है और माना जाता है कि इस दौरान उनकी सच्चे मन से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आज, 11 जुलाई 2025, शुक्रवार को सावन का पहला दिन है, और सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें दिख रही हैं। हर भक्त बस महादेव की एक झलक पाने और उन पर जल चढ़ाने को आतुर है।
क्यों खास है सावन का पहला दिन?
सावन, जिसे श्रावण मास भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार पांचवां महीना होता है। यह विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव धरती पर आते हैं और अपने भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। सावन का पहला दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह पूरे महीने की भक्ति और साधना की शुरुआत का प्रतीक है।
सोमवार व्रत: सावन के सोमवार का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखने और शिवलिंग पर जल चढ़ाने से मनचाहा वरदान मिलता है।
कांवड़ यात्रा: लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड के पवित्र गंगा जल को लेने के लिए कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं, जिसे 'भोला' बनकर शिव को समर्पित किया जाता है।
प्रकृति का आशीर्वाद: यह महीना मानसून का होता है, और चारों ओर हरियाली होती है, जो आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है।
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देशभर के शिवालयों में उत्साह का माहौल
देश के कोने-कोने से सावन के पहले दिन की शानदार तस्वीरें सामने आ रही हैं। वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर हो या उज्जैन का महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, सभी जगहों पर भक्ति का सैलाब उमड़ पड़ा है।
#WATCH अयोध्या: सावन माह के पहले दिन श्रद्धालु पूजा करने के लिए क्षीरेश्वर नाथ महादेव मंदिर पहुंच रहे हैं। pic.twitter.com/iduOGA7VsJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 11, 2025
#WATCH गोरखपुर, उत्तर प्रदेश: पवित्र सावन माह के पहले दिन झारखंडी महादेव शिव मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। pic.twitter.com/TOFCprMYb1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 11, 2025
#WATCH हरिद्वार (उत्तराखंड): सावन माह 2025 के पहले दिन भक्तों ने दक्ष महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना की। pic.twitter.com/sXsTyrgJbf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 11, 2025
#WATCH कानपुर, उत्तर प्रदेश: सावन के पहले दिन आनंदेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। pic.twitter.com/XI36l64A3T
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 11, 2025
#WATCH गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश): सावन 2025 के पहले दिन भक्तों ने श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना की। pic.twitter.com/E9hV2hf16h
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 11, 2025
काशी विश्वनाथ: आस्था का केंद्र
वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए अल सुबह से ही भक्त पहुंच चुके थे। हाथों में जल और बेलपत्र लिए, शिवभक्त कतारों में अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। मंदिर परिसर में 'हर हर महादेव' और 'ॐ नमः शिवाय' के उद्घोष से पूरा वातावरण शिवमय हो गया है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और सभी आसानी से दर्शन कर सकें।
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उज्जैन का महाकालेश्वर: भस्म आरती की दिव्यता
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भी सावन के पहले दिन विशेष भस्म आरती का आयोजन किया गया। इस अलौकिक आरती के दर्शन के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचे। महाकाल के दर्शन मात्र से ही भक्तों के मन को असीम शांति मिल रही है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
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उत्तर भारत में कांवड़ियों का बोलबाला
उत्तर भारत के कई राज्यों में कांवड़ यात्रा की धूम अभी से शुरू हो गई है। उत्तराखंड के गंगा घाटों से जल लेने के लिए कांवड़ियों के जत्थे निकलने लगे हैं। दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से हजारों की संख्या में शिव भक्त इस यात्रा पर निकलते हैं। इस यात्रा में सिर्फ धार्मिक आस्था ही नहीं बल्कि एक भाईचारे और सामूहिक भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। ये कांवड़िए, कंधे पर गंगा जल लेकर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने गंतव्य पर स्थित शिवालयों में जल चढ़ाते हैं। यह उनकी अटूट श्रद्धा का प्रतीक है।
घर पर कैसे करें शिव आराधना?
अगर आप मंदिर नहीं जा पा रहे हैं, तो घर पर भी सावन के पहले दिन भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।
शिवलिंग पर जल चढ़ाएं: घर में शिवलिंग हो तो उस पर गंगाजल या साधारण जल अर्पित करें।
बेलपत्र और धतूरा: भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा और भांग अर्पित करना शुभ माना जाता है।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप: महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और रोगों से मुक्ति मिलती है।
रुद्राभिषेक: अगर संभव हो तो घर पर ही रुद्राभिषेक का आयोजन करें।
सावन का महीना सिर्फ पूजा-पाठ का नहीं, बल्कि आत्म-चिंतन और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का भी है। यह हमें प्रकृति से जुड़ने और आध्यात्मिक रूप से खुद को मजबूत करने का अवसर देता है।
पूरे सावन मास में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आएंगे, जिनमें नाग पंचमी, रक्षाबंधन और सावन सोमवार व्रत प्रमुख हैं। मंदिरों में विशेष आरती और भजन-कीर्तन का आयोजन जारी रहेगा। भक्त इस पूरे महीने अपनी भक्ति में लीन रहेंगे। यह महीना हमें सिखाता है कि विश्वास और श्रद्धा से हम किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं। तो आप भी इस पवित्र श्रावण मास में महादेव की भक्ति में डूब जाएं!
Kanwar Mela 2025 | Kanwar Yatra | bhagwan bholenath