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आज सावन का अंतिम सोमवार : हर-हर महादेव से गूंज रहे शिवालय, भोलेनाथ के भक्तों की उमड़ी भीड़

सावन की अंतिम सोमवारी पर देशभर के शिवालयों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। दिल्ली, वाराणसी, उज्जैन, देवघर जैसे शहरों में 'हर-हर महादेव' की गूंज सुनाई दी। भक्तों ने जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करके भगवान शिव की पूजा की, जिसके लिए लंबी कतारें लगीं।

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Ajit Kumar Pandey
आज सावन का अंतिम सोमवार : हर-हर महादेव से गूंज रहे शिवालय, भोलेनाथ के भक्तों की उमड़ी भीड़ | यंग भारत न्यूज

आज सावन का अंतिम सोमवार : हर-हर महादेव से गूंज रहे शिवालय, भोलेनाथ के भक्तों की उमड़ी भीड़ | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आज 4 अगस्त 2025 को सावन महीने का आखिरी सोमवार है। देशभर के शिव मंदिरों में शिवभक्त पूजा अर्चना कर हर हर महादेव के नारे लगा रहे हैं। दिल्ली से लेकर वाराणसी, उज्जैन और देवघर तक शिवालय 'हर-हर महादेव' के जयकारों से गूंज रहे हैं। इस खास मौके पर जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन चल रहा है। मंदिरों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए, ताकि भक्तों को किसी भी तरह की असुविधा न हो।

आपको बता दें कि पवित्र सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इसमें पड़ने वाली सोमवार दिन का विशेष महत्व होता है। आज 4 अगस्त 2025 को सावन की अंतिम सोमवारी है और यही वजह है कि देश के कोने-कोने में स्थित शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। सुबह से ही श्रद्धालु हाथों में गंगाजल, दूध, बेलपत्र और धतूरा लेकर लंबी कतारों में खड़े दिखाई दिए। हर किसी के चेहरे पर भोलेनाथ की भक्ति और उनके दर्शन की ललक साफ झलक रही थी।

शिवभक्ति में डूबा पूरा देश

उत्तर भारत में सावन की अंतिम सोमवारी पर भक्तों की आस्था चरम पर दिखी। वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में तो मानो पूरा शहर ही उमड़ आया। वहीं, उत्तराखंड के केदारनाथ और झारखंड के देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ धाम में भी आस्था का सैलाब देखने को मिला। मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में भस्म आरती का खास आयोजन किया गया, जिसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से भक्त पहुंचे। इसी तरह, गुजरात के सोमनाथ मंदिर और महाराष्ट्र के त्र्यंबकेश्वर मंदिर में भी सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं। हर जगह एक ही गूंज सुनाई दे रही थी: 'हर-हर महादेव'।

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सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम

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श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। मंदिरों के आसपास बैरिकेडिंग की गई थी ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। कई जगहों पर मेडिकल कैंप और जलपान की भी व्यवस्था की गई थी ताकि गर्मी और भीड़ के कारण किसी को कोई परेशानी न हो। इन व्यवस्थाओं ने भक्तों को सुगमता से दर्शन करने में मदद की।

काशी विश्वनाथ (वाराणसी): लाखों भक्तों ने गंगाजल और दूध से बाबा का जलाभिषेक किया।

महाकालेश्वर (उज्जैन): अंतिम सोमवारी पर भस्म आरती का विशेष आयोजन हुआ, जिसने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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बाबा वैद्यनाथ धाम (देवघर): कांवड़ियों ने भारी संख्या में पहुंचकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया।

दिल्ली-एनसीआर: राजधानी के शिवालयों में भी भारी भीड़ देखी गई, जहां भजन-कीर्तन और भंडारों का आयोजन हुआ।

क्यों खास है सावन की अंतिम सोमवारी?

सावन की हर सोमवारी का अपना महत्व है, लेकिन अंतिम सोमवारी पर पूजा-अर्चना का फल दोगुना माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन शिव की पूजा करने से साल भर के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यही वजह है कि लोग इस दिन को खास बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते। मंदिरों में भक्तों की भीड़ और उनकी भक्ति इस बात की गवाह है कि महादेव के प्रति आस्था कितनी गहरी है।

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