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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला आज अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से सफल मिशन पूरा कर धरती पर लौटेंगे। स्पेसX का ड्रैगन कैप्सूल "Grace" भारतीय समयानुसार दोपहर 3 बजे कैलिफोर्निया के तट के पास प्रशांत महासागर में स्प्लैशडाउन करेगा। Axiom-4 मिशन के तहत, शुभांशु समेत चार अंतरिक्ष यात्रियों की टीम ने 25 जून को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी थी।
शुभांशु शुक्ला के बारे में जानिए
शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा न सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया युग शुरू करती है। उनका वैज्ञानिक योगदान, राष्ट्र के आत्मविश्वास और वैश्विक स्पेस रेस में भारत की भागीदारी को मजबूत करता है।
शुभांशु शुक्ला ने रचा इतिहास, बने पहले भारतीय जिन्होंने ISS की यात्रा की।
1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय नागरिक।
शुभांशु की यह उड़ान भारत के गगनयान मिशन 2027 की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
अंतरिक्ष में किए 7 वैज्ञानिक प्रयोग
Axiom-4 मिशन के दौरान शुभांशु शुक्ला ने 60 से अधिक प्रयोगों में भाग लिया, इन सभी प्रयोगों को ISRO ने भी सफल बताया है। इनमें भारत के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण 7 प्रमुख वैज्ञानिक प्रयोग शामिल थे:
- मायोजेनेसिस (मांसपेशियों का क्षरण)
- सियानोबैक्टीरिया व माइक्रोएल्गी पर पोषण संबंधी शोध
- टार्डीग्रेड्स के व्यवहार
- पानी के सतह तनाव पर आधारित प्रयोग (जहां उन्होंने "वॉटर बेंडर" बनने का मजाक किया)
- मूंग और मेथी बीजों का अंकुरण
Axiom-4 मिशन के बारे में ये भी जानें
- मिशन का नेतृत्व किया NASA की पूर्व अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन ने।
- यह मिशन Axiom Space नामक ह्यूस्टन आधारित निजी कंपनी द्वारा संचालित किया गया।
- Axiom Space वाणिज्यिक अंतरिक्ष मिशनों में अग्रणी है।
अंतरिक्ष से शुभांशु का संदेश
“आज का भारत आत्मविश्वासी, निडर और गर्व से भरा है... आज भी ‘सारे जहां से अच्छा’ दिखता है।”अपने विदाई संदेश में शुभांशु ने राकेश शर्मा की पंक्ति को दोहराते हुए देशवासियों को भावुक कर दिया। उन्होंने इंग्लिश और हिंदी दोनों में यह संदेश दिया।
कैसे होगी स्प्लैशडाउन के बाद वापसी
- ड्रैगन कैप्सूल में 260 किलो से अधिक वैज्ञानिक डेटा और उपकरण भी लौटाए जा रहे हैं।
- स्प्लैशडाउन के बाद यात्रियों को हेलिकॉप्टर से समुद्र से निकाल कर चिकित्सा जांच के लिए भेजा जाएगा, जैसा
- हाल में सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर के मिशन में हुआ था।
पीएम मोदी और ISRO की बधाई
शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा ISRO के 2027 में प्रस्तावित गगनयान मिशन के लिए रोडमैप का हिस्सा है। उनकी परफॉर्मेंस और प्रशिक्षण उन्हें गगनयान मिशन के संभावित क्रू सदस्य के रूप में मजबूत करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 जून को अंतरिक्ष से शुभांशु से लाइव संवाद किया था। डॉ. जितेंद्र सिंह ने X पर लिखा: "Welcome back Shubhanshu, पूरा देश आपका इंतजार कर रहा है।"