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शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बनकर इतिहास रचने को तैयार

राकेश शर्मा के बाद शुभांशु शुक्‍ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनने जा रहे हैं। इस दौरान अंतरिक्ष यात्री विज्ञान और वाणिज्यिक गतिविधियों का संचालन करेंगे। 31 देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए लगभग 60 वैज्ञानिक अध्ययन और गतिविधियां करेंगे।

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Narendra Aniket
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Astronot Subhanshu
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्‍क।  भारत के शुभांशु शुक्ला एक्सिओम स्पेस के चौथे वाणिज्यिक मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा के लिए तैयार हैं। अंतरिक्ष यात्रा करने वाले वह दूसरे भारतीय हो जाएंगे। एक्सिओम मिशन 4 (एक्स-4) आठ जून को फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के माध्‍यम से प्रक्षेपित किया जाएगा।

चार दशक पहले राकेश शर्मा गए थे अंतरिक्ष में

ड्रैगन अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण फ्लोरिडा स्थित नासा के अंतरिक्ष केंद्र से भारतीय समयानुसार शाम 6:41 बजे के बाद होगा। इस प्रक्षेपण के साथ ही शुक्ला लगभग चार दशक बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे। राकेश शर्मा ने 1984 में रूस के सोयूज अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष की यात्रा की थी।

40 वर्षों में दूसरा सरकार प्रायोजित मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन 

एक्सिओम-4 मिशन के पायलट शुक्ला के अलावा, अन्य क्रू सदस्‍यों में पोलैंड से स्लावोस्ज उजनांस्की-विस्नीवस्की और हंगरी से टिबोर कापू शामिल हैं। यह इतिहास में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की दोनों यूरोपीय देशों की पहली यात्रा और 40 वर्षों में दूसरा सरकार प्रायोजित मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है।

अमेरिकी पैगी व्हिटसन होगी मिशन की कमांडर

अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन एक्सिओम-4 मिशन की कमांडर होंगी।शुक्ला ने जनवरी में संवाददाता सम्मेलन में कहा था, 'मैं सूक्ष्मगुरुत्व क्षेत्र में जाने और अकेले अंतरिक्ष उड़ान का अनुभव करने के लिए सचमुच बहुत उत्साहित हूं।'

लगभग 60 वैज्ञानिक अध्ययन और गतिविधियां करेंगे

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अंतरिक्ष यात्री कक्षा में स्थित प्रयोगशाला में 14 दिन तक बिताने की योजना बना रहे हैं, जहां वे विज्ञान और वाणिज्यिक गतिविधियों का संचालन करेंगे। एक्स-4 अंतरिक्ष यात्री आईएसएस में अपने 14 दिवसीय प्रवास के दौरान 31 देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए लगभग 60 वैज्ञानिक अध्ययन और गतिविधियां करेंगे।

नासा और इसरो के सहयोग से पोषण संबंधी प्रयोगों का संचालन करेंगे शुक्‍ला

शुक्ला नासा के सहयोग से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के बीच सहयोग के तहत विकसित विशेष खाद्य और पोषण संबंधी प्रयोगों का संचालन करने के लिए तैयार हैं। इन प्रयोगों का उद्देश्य भविष्य में लंबी अवधि की अंतरिक्ष यात्रा के लिए आवश्यक अंतरिक्ष पोषण और आत्मनिर्भर जीवन समर्थन प्रणालियों का विकास करना है।

इसरो ने शुक्‍ला के लिए सात प्रयोगों की शृंखला तैयार की है

इसरो ने शुक्ला के लिए सात प्रयोगों की एक श्रृंखला तैयार की है जो नासा द्वारा अपने मानव अनुसंधान कार्यक्रम के लिए नियोजित पांच संयुक्त अध्ययनों में भी भाग लेंगे।शुक्ला बीजों को मैक्रोबायोटिक परिस्थितियों में भी रखेंगे और उन्हें वापस धरती पर लाएंगे, जहां उन्हें पौधों में न केवल एक बार बल्कि कई पीढ़ियों तक उगाया जाएगा।
शुक्ला ने जनवरी में कहा था कि उन्होंने आईएसएस पर अपने अनुभवों को चित्रों और वीडियो के माध्यम से रिकॉर्ड करने की योजना बनाई है, जिसे वे अपने देश में सभी भारतवासियों के साथ साझा कर सकेंगे।उन्होंने कहा कि एक्सिओम मिशन 4 के अनुभव का उपयोग गगनयान मिशन में बहुत अच्छी तरह से किया जाएगा, जिसकी योजना 2027 के लिए बनाई गई है।

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