नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को राजधानी में विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति को लेकर उपराज्यपाल (LG) के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को वापस लेने की अनुमति दे दी। अदालत की मुख्य न्यायाधीश डी. के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि आवेदन स्वीकार किया जाता है और याचिका को वापस लिया गया मानते हुए खारिज किया जाता है। यह आदेश उपराज्यपाल की ओर से पेश वकील द्वारा कोई आपत्ति न जताने के बाद पारित किया गया।
AAP सरकार ने उठाया था निष्पक्षता का सवाल
पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने इस याचिका के माध्यम से तर्क दिया था कि 2020 के दिल्ली दंगों और 2021 की गणतंत्र दिवस हिंसा से जुड़े मामलों में विशेष लोक अभियोजकों (Special Public Prosecutors - SPP) की नियुक्ति दिल्ली पुलिस द्वारा करना न्याय प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है। सरकार का कहना था कि जब दिल्ली पुलिस ही इन मामलों की जांच कर रही है, तो उसके द्वारा वकीलों का चयन हितों के टकराव (Conflict of Interest) को जन्म देता है।
उपराज्यपाल का आदेश और सरकार की आपत्ति
उपराज्यपाल ने 23 जुलाई, 2021 को विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति का आदेश जारी किया था। इसके खिलाफ आप सरकार ने अदालत का रुख किया था। याचिका में आरोप लगाया गया कि एसपीपी की नियुक्ति से नियमित सरकारी अभियोजकों की भूमिका को दरकिनार किया जा रहा है, जिससे निष्पक्ष सुनवाई खतरे में पड़ सकती है। Delhi high court not
अब सरकार ने बदला रुख
हालांकि अब मौजूदा सरकार ने यह याचिका वापस लेने का निर्णय लिया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया और मामला समाप्त कर दिया गया। अदालत ने स्पष्ट किया कि चूंकि याचिकाकर्ता अब इस पर आगे नहीं बढ़ना चाहता, इसलिए इसे खारिज किया जाता है।