नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश की
अर्थव्यवस्थाकी जमीनी हकीकत को लेकर एक बार फिर सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने मंगलवार को X (पूर्व में ट्विटर) पर कुछ अहम आर्थिक आंकड़े साझा करते हुए लिखा कि यह सिर्फ़ आंकड़े नहीं, बल्कि उस आर्थिक संकट की तस्वीर हैं, जिससे हर आम भारतीय दो-चार हो रहा है। राहुल गांधी ने पोस्ट में बताया कि बीते एक साल में दोपहिया वाहनों की बिक्री 17%, कारों की बिक्री 8.6% और मोबाइल बाजार 7% तक गिर चुका है। उन्होंने लिखा कि एक ओर आम लोगों की क्रय शक्ति घट रही है, वहीं दूसरी तरफ मकान का किराया, शिक्षा, घरेलू सामान, स्वास्थ्य और रोजमर्रा की ज़रूरतों का खर्च लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “ये आंकड़े उस दबाव की गवाही दे रहे हैं जिसके नीचे हर भारतीय पिस रहा है।”
खर्च और कर्ज दोनों बढ़ रहे हैं
- रोजमर्रा की जरूरतों का खर्च लगातार ऊपर जा रहा है।
- मकान का किराया
- घरेलू महंगाई
- शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का खर्च
- लगभग हर क्षेत्र में लागत बढ़ती जा रही है, जबकि लोगों की खरीदने की क्षमता घट रही है।
- यह सिर्फ़ आंकड़े नहीं, आम आदमी की आर्थिक पीड़ा है।
राजनीति को जमीनी सवालों से जुड़ना होगा
यह स्थिति केवल वित्तीय चार्ट और बजट रिपोर्ट तक सीमित नहीं है यह हर उस व्यक्ति की हकीकत है, जो महीने के अंत में राशन, स्कूल फीस और बिजली बिल के बीच तालमेल बिठाने की जद्दोजहद में है। जनता अब सवाल पूछ रही है कि आखिर देश की आर्थिक नीतियां किसके लिए बनाई जा रही हैं? क्या यह विकास सिर्फ़ कुछ बड़े कॉर्पोरेट घरानों तक सीमित रह गया है? इन हालातों के बीच एक स्पष्ट संदेश उभरता है देश को अब ऐसी राजनीति की ज़रूरत है जो सिर्फ़ इवेंट्स और प्रचार की चमक पर न टिकी हो, बल्कि आम ज़िंदगी की चुनौतियों को समझे, ज़िम्मेदारी से सवाल पूछे और जवाबदेही निभाए।
एक नई अर्थव्यवस्था की मांग
वक्त की मांग है कि हम ऐसी आर्थिक व्यवस्था की ओर बढ़ें जो सिर्फ़ अमीरों के लिए नहीं, हर भारतीय के लिए काम करे। एक ऐसी अर्थव्यवस्था जो रोज़गार, स्थिर आय और बुनियादी सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करे ताकि हर भारतीय को न सिर्फ़ जीने, बल्कि गरिमा से जीने का हक़ मिल सके। rahul gandhi | Congress