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सौरमंडल के बाहर जीवन के सबसे पुख्ता संकेत! 'K2-18B’ ग्रह पर समुद्री जीवों जैसे अणुओं की मौजूदगी का दावा

ब्रह्मांड में जीवन की तलाश कर रहे वैज्ञानिकों को हाल ही में एक रोमांचक और अभूतपूर्व सफलता मिली है। अनुसंधानकर्ताओं का दावा है कि उन्हें एक बाह्यग्रह ‘के2-18बी’ पर ऐसे अणुओं के संकेत मिले हैं।

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Jyoti Yadav
सौरमंडल के बाहर जीवन के सबसे पुख्ता संकेत!, ‘के2-18बी’ ग्रह पर समुद्री जीवों जैसे अणुओं की मौजूदगी का दावा
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क | ब्रह्मांड में जीवन की तलाश कर रहे वैज्ञानिकों को हाल ही में एक रोमांचक और अभूतपूर्व सफलता मिली है। अनुसंधानकर्ताओं का दावा है कि उन्हें एक बाह्यग्रह ‘के2-18बी’ पर ऐसे अणुओं के संकेत मिले हैं, जो पृथ्वी पर केवल समुद्री सूक्ष्मजीवों द्वारा ही उत्पन्न होते हैं। इस खोज को सौरमंडल के बाहर जीवन का अब तक का सबसे ठोस प्रमाण माना जा रहा है। ‘के2-18बी’ नामक यह ग्रह पृथ्वी से लगभग 120 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है और यह ‘के2-18’ नामक तारे की परिक्रमा करता है। यह ग्रह पृथ्वी से लगभग 8.5 गुना अधिक विशाल है और इसे एक हाइसीन वर्ल्ड (हाइड्रोजन युक्त समुद्र वाले ग्रह) की श्रेणी में रखा गया है।

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इस अध्ययन का नेतृत्व ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक प्रोफेसर निक्कू मधुसूदन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस ग्रह के वायुमंडल में मीथेन (CH₄) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) की मौजूदगी पहले ही दर्ज की जा चुकी थी, जो जीवन के लिए अनुकूल वातावरण की ओर इशारा करती थी। लेकिन इस बार जो संकेत मिले हैं, वे और भी अधिक चौंकाने वाले हैं।

क्या मिला है?

अनुसंधानकर्ताओं ने जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की मदद से के2-18बी के वातावरण में डाइमिथाइल सल्फाइड (DMS) और डाइमिथाइल डाइसल्फाइड (DMDS)जैसे अणुओं के संकेत खोजे हैं। ये दोनों अणु पृथ्वी पर विशेष रूप से समुद्री प्लवक (फाइटोप्लैंक्टन) द्वारा उत्पादित होते हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि इन अणुओं की मौजूदगी “अब तक का सबसे मजबूत संकेत” है कि जीवन कहीं और भी हो सकता है।

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जीवन या कोई और प्रक्रिया?

हालांकि, अनुसंधानकर्ता अभी भी सतर्क हैं। प्रोफेसर मधुसूदन ने स्पष्ट किया कि भले ही संकेत उत्साहजनक हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि यह जीवन का ही प्रमाण हो। यह भी संभव है कि वहां कोई अज्ञात रासायनिक प्रक्रिया कार्यरत हो जो इन अणुओं को उत्पन्न कर रही हो। उन्होंने कहा कि "हम और भी ज्यादा आंकड़ों के इंतजार में हैं, ताकि जीवन होने का दावा वैज्ञानिक रूप से पूरी तरह पुष्ट किया जा सके।"

वैज्ञानिक प्रक्रिया और भविष्य की दिशा

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अध्ययन के अनुसार, ये निष्कर्ष 3-सिग्मा सांख्यिकीय स्तर पर आधारित हैं, जिसका अर्थ है कि संकेत काफी मजबूत हैं लेकिन पूरी तरह निर्णायक नहीं। यह शोध 'एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स' में प्रकाशित हुआ है और अब इसकी स्वतंत्र समीक्षा (peer-review) की प्रक्रिया चल रही है।

भविष्य की उम्मीदें

यह खोज यह साबित करती है कि आधुनिक तकनीक और दूरबीनों की मदद से अब वैज्ञानिक हमारे सौरमंडल के बाहर जीवन की संभावनाओं को और भी करीब से देख पा रहे हैं। अगर भविष्य में DMS और DMDS की मौजूदगी की पुष्टि होती है, तो यह मानव इतिहास का सबसे बड़ा खगोलीय मोड़ साबित हो सकता है – यह संकेत कि हम ब्रह्मांड में अकेले नहीं हैं।

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