नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए IED धमाके में ASP आकाश राव गिरिपुंजे की शहादत से राज्य शोक में डूबा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, साथ ही विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने शहीद अधिकारी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। नक्सलवाद के खिलाफ लड़ते हुए जान गंवाने वाले ASP की बहादुरी को हर मंच से सलाम किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 10 जून 2025 को एक बार फिर नक्सलवाद ने खौफनाक चेहरा दिखाया। IED ब्लास्ट में जिले के साहसी ASP आकाश राव गिरिपुंजे शहीद हो गए। इस दुखद घटना ने पूरे राज्य को हिला दिया है। उनके साहस और कर्तव्य के प्रति निष्ठा को याद करते हुए राज्य के शीर्ष नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की और नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की लड़ाई को और मजबूत करने का संकल्प दोहराया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बोले - “देश ने बहादुर सपूत खोया है”
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शहीद ASP को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आकाश राव गिरिपुंजे सिर्फ एक पुलिस अधिकारी नहीं थे, बल्कि नक्सलवाद के खिलाफ मोर्चा संभाले एक सच्चे योद्धा थे। उन्होंने कहा, “देश ने अपना एक बहादुर सपूत खो दिया है। उनके बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा।”
मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि शहीद के परिजनों को हर संभव सहायता दी जाएगी और राज्य सरकार आतंक और हिंसा की किसी भी ताकत के आगे झुकेगी नहीं।
डिप्टी CM अरुण साव और विजय शर्मा ने भावुक श्रद्धांजलि दी
दोनों उपमुख्यमंत्री, अरुण साव और विजय शर्मा ने भी गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा कि नक्सली हिंसा के खिलाफ राज्य सरकार पूरी ताकत से खड़ी है। विजय शर्मा ने कहा, “ASP गिरिपुंजे की बहादुरी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगी।” अरुण साव ने उनकी वीरता को ‘छत्तीसगढ़ की शान’ बताया।
विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा – “इस बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा”
छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने इस मौके पर कहा, “एक युवा अधिकारी ने अपना जीवन देश की सुरक्षा के लिए न्यौछावर कर दिया, ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। राज्य सरकार इस तरह की घटनाओं से डरने वाली नहीं है।”
उन्होंने कहा कि राज्य के हर नागरिक को नक्सलवाद के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना होगा।
कौन थे ASP आकाश राव गिरिपुंजे?
आकाश राव गिरिपुंजे एक समर्पित, ईमानदार और बेहद जांबाज़ पुलिस अधिकारी थे। वे लगातार सुकमा और आसपास के इलाकों में नक्सल विरोधी अभियानों का नेतृत्व कर रहे थे। उनका उद्देश्य सिर्फ ऑपरेशन को सफल बनाना नहीं था, बल्कि आदिवासी इलाकों में शांति और विश्वास का माहौल बनाना भी था।
उनकी नेतृत्व क्षमता और मानवता के लिए स्थानीय लोग भी उन्हें बेहद सम्मान से देखते थे। उनकी शहादत ने पूरे पुलिस विभाग को झकझोर दिया है।
शहीद ASP की शहादत सिर्फ एक दुखद घटना नहीं, बल्कि नक्सल हिंसा के खिलाफ एक कड़ा संदेश है। राज्य सरकार और सुरक्षा बलों के लिए यह एक चेतावनी है कि युद्ध अभी जारी है। वहीं यह आम जनता को भी याद दिलाता है कि हमारे बीच कुछ लोग हैं, जो अपनी जान देकर हमारी सुरक्षा करते हैं।
अगर आप भी ASP गिरिपुंजे जैसे वीरों की कुर्बानी को सम्मान देना चाहते हैं, तो नक्सलवाद के खिलाफ जागरूकता फैलाएं, शांति बनाए रखने में सहयोग करें और देश की एकता के लिए हमेशा आवाज़ उठाएं।
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