/young-bharat-news/media/media_files/2025/06/19/supreme-court-of-india-2025-06-19-13-10-13.jpg)
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00
नई दिल्ली, आईएएनएस। सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में नई परिसीमन प्रक्रिया शुरू करने की मांग वाली याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भारतीय संविधान के अनुसार, अगली परिसीमन प्रक्रिया केवल 2026 के बाद होने वाली जनगणना के आधार पर ही शुरू की जा सकती है। हालांकि, कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में अलग से किए गए परिसीमन को वैध ठहराया और कहा कि केंद्र सरकार को विशेष परिस्थितियों में वहां परिसीमन करने का अधिकार है।
“परिसीमन का आधार जनगणना के आंकड़े होते हैं”
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि संवैधानिक प्रावधानों के तहत परिसीमन का आधार जनगणना के आंकड़े होते हैं। चूंकि अगली जनगणना 2026 के बाद होगी, इसलिए आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में अभी नई परिसीमन प्रक्रिया शुरू करना संभव नहीं है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की मांग को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि परिसीमन जैसे महत्वपूर्ण कदम केवल निर्धारित प्रक्रिया और समय के अनुसार ही उठाए जा सकते हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन किया।
जम्मू-कश्मीर में सरकार को परिसीमन का अधिकार
Advertisment
कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विशेष परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार को वहां अलग से परिसीमन करने का अधिकार है। यह परिसीमन जम्मू-कश्मीर विधानसभा की सीटों के लिए किया गया था, जिसे कोर्ट ने संवैधानिक रूप से सही माना। कोर्ट ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर का परिसीमन क्षेत्र की विशिष्ट परिस्थितियों के आधार पर किया गया, जो संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप है।
याचिका में की गई थी ये मांग
यह याचिका आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कुछ याचिकाकर्ताओं ने दायर की थी, जिन्होंने मांग की थी कि इन राज्यों में विधानसभा और लोकसभा सीटों का नए सिरे से परिसीमन किया जाए। उनका तर्क था कि जनसंख्या और क्षेत्रीय बदलावों के कारण नई परिसीमन प्रक्रिया जरूरी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को अस्वीकार करते हुए कहा कि संविधान में परिसीमन के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है। जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए परिसीमन ने वहां की विधानसभा सीटों की संख्या और उनके क्षेत्रों को फिर से निर्धारित किया था। इस प्रक्रिया को केंद्र सरकार ने विशेष परिस्थितियों के तहत लागू किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने उचित ठहराया।
Advertisment
supreme court | jammu and kashmir | Andhra Pradesh | telangana
Advertisment