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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार, 17 अप्रैल को देश में खेल संघों से जुड़े मामलों की गहन जांच के लिए एक जांच आयोग नियुक्त करने का संकेत दिया और कहा कि खेल गतिविधियों के अलावा उनमें ‘सभी तरह की चीजें हो रही हैं’। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ दो राष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ियों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया (एकेएफआई) और अंतरराष्ट्रीय कबड्डी फेडरेशन के मामलों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने पर विचार करने अनुरोध किया गया है।
पीठ ने कहा, “हम कबड्डी संघों के मामलों की गहन जांच के लिए जांच आयोग गठित करने के पक्ष में हैं क्योंकि इन निकायों में खेल गतिविधियों के अलावा कई तरह की चीजें हो रही हैं। इसके बाद हम जांच आयोग का दायरा अन्य खेल संघों तक बढ़ाने की इच्छा रखते हैं।” केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता के एम नटराज ने शीर्ष अदालत को बताया कि पीठ के चार फरवरी के आदेश के अनुसार खिलाड़ियों को ईरान में टूर्नामेंट के लिए भेजा गया था, जहां उन्होंने जीत हासिल कर स्वर्ण पदक जीता।
नटराज ने बताया कि जहां तक सीबीआई जांच का सवाल है, इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने इस विचार पर काम करने के लिए दो और सप्ताह का समय मांगा, जिसके बाद पीठ ने कहा कि वह देश के सभी राज्य और अंतरराष्ट्रीय खेल संघों के मामलों की जांच करेगी और जरूरत पड़ने पर उन्हें भंग कर देगी। शीर्ष अदालत ने खेल संघों के कामकाज और जरूरी जांच पर सुझाव देने के लिए कई पूर्व खिलाड़ियों तथा मौजूदा खिलाड़ियों की हस्तक्षेप अर्जियों को स्वीकार कर लिया और सुनवाई चार सप्ताह बाद तय कर दी। शीर्ष अदालत प्रियंका और पूजा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ताओं ने अंतरराष्ट्रीय कबड्डी महासंघ से मान्यता न रखने वाली एकेएफआई को उन्हें एशियाई कबड्डी चैंपियनशिप में भेजने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।