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सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला : अब शिक्षकों को TET पास करना होगा अनिवार्य | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा है कि अब टीचिंग की नौकरी में बने रहने या प्रमोशन पाने के लिए टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट पास करना अनिवार्य होगा। यह फैसला उन सभी शिक्षकों पर लागू होगा जिनकी नौकरी में 5 साल से ज्यादा का समय बाकी है।
आज सोमवार (1 सितंबर 2025) को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जॉर्ज मसीह की बेंच ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। फैसले के अनुसार, जिन शिक्षकों की नौकरी 5 साल से ज्यादा बची है, उन्हें अपनी सेवा जारी रखने या पदोन्नति पाने के लिए टीईटी परीक्षा पास करनी ही होगी। यदि वे ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उन्हें या तो इस्तीफा देना होगा या अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त होना होगा।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शिक्षकों की योग्यता और शिक्षण की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार और शिक्षा विभाग लंबे समय से इस तरह के सुधारों की बात कर रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले से किसे मिलेगी राहत?
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उन शिक्षकों को इस फैसले से राहत दी है, जिनकी नौकरी में 5 साल से कम का समय बचा है। यानी, अगर कोई शिक्षक अगले 5 सालों में रिटायर होने वाला है, तो उसे यह परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी। यह एक तरह से पुराने और अनुभवी शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत है, ताकि वे अपनी बची हुई सेवा शांति से पूरी कर सकें।
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला शिक्षकों की योग्यता और शिक्षण के स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से लिया है। लंबे समय से यह शिकायत रही है कि कुछ शिक्षक बिना जरूरी योग्यता के ही पढ़ा रहे हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती है। इस फैसले से अब सभी शिक्षकों को अपने ज्ञान और कौशल को अपडेट रखना पड़ेगा।
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