Advertisment

SC का सैन्य प्रशिक्षण में दिव्यांग हुए कैडेटों पर केंद्र- सेनाओं को नोटिस, जानें पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने सैन्य प्रशिक्षण में दिव्यांग हुए कैडेटों की स्थिति पर केंद्र और तीनों सेनाओं को नोटिस जारी किया। अगली सुनवाई 4 सितंबर को। पढ़ें पूरी खबर।

author-image
Dhiraj Dhillon
SUPREME COURT OF INDIA-2025-08-18

Photograph: (Google)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, आईएएनएस। सैन्य प्रशिक्षण के दौरान दिव्यांगता के चलते बाहर किए गए कैडेटों की स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार के साथ-साथ वायुसेना, थल सेना और नौसेना प्रमुखों को नोटिस जारी किया है। नियमानुसार कमीशन से पहले दिव्यांग होने वाले कैडेट्स पूर्व सैनिकों को मिलने वाली सुविधाओं के हकदार नहीं होते हैं। 

40 वर्षों में 500 कैडेट प्रशिक्षण में हुए दिव्यांग, नौकरी गंवाई 

सुप्रीम कोर्ट ने यह कदम एक मीडिया रिपोर्ट के आधार पर उठाया है। रिपोर्ट में बताया गया था कि 1985 से अब तक करीब 500 अधिकारी कैडेटों को प्रशिक्षण के दौरान हुई विभिन्न प्रकार की दिव्यांगताओं के चलते मेडिकल आधार पर संस्थानों से छुट्टी दे दी गई है। ये कैडेट कभी एनडीए (नेशनल डिफेंस एकेडमी) और आईएमए (इंडियन मिलिट्री एकेडमी) जैसे प्रतिष्ठित सैन्य संस्थानों में प्रशिक्षण ले रहे थे। 

जरूरत पड़ने पर आर्थिक लाभ नहीं मिलेगा तो सेना में कौन आएगा 

सुनवाई के दौरान जस्टिस नागरत्ना ने सवाल किया कि क्या ट्रेनी कैडेट्स के लिए कोई बीमा पॉलिसी है? हम चाहते हैं कि बहादुर लोग सेना में शामिल हों, लेकिन अगर जरूरत पड़ने पर उन्हें कोई आर्थिक लाभ ही नहीं मिलेगा, तो यह उनके मनोबल को कमजोर करेगा। इसके साथ ही बेंच ने सरकार से यह भी पूछा कि प्रशिक्षण के दौरान दिव्यांग हुए कैडेट्स को सेना में किसी अन्य पद पर नौकरी देने की संभावना पर क्या विचार किया जा सकता है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी। 

दिव्यांग कैडेट्स को पूर्व सैनिक का दर्जा भी नहीं! 

नियमों के अनुसार दिव्यांग कैडेट्स पूर्व सैनिक (ईएसएम) का दर्जा पाने के हकदार नहीं हैं, इसी वजह से वे पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) के तहत मिलने वाली सैन्य सुविधाओं और सूचीबद्ध अस्पतालों में मुफ्त इलाज के लिए पात्र भी नहीं हो पाते। ऐसा इसलिए क्योंकि वे अधिकारी के रूप में कमीशन प्राप्त करने से पहले प्रशिक्षण के दौरान ही दिव्यांग हो चुके थे। army | Supreme Court News | military training | Divyaang|

army Supreme Court News military training Divyaang
Advertisment
Advertisment