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उच्चतम न्यायालय ने गुजरात में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) और सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के पद के लिए भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा भर्ती प्रक्रिया को ‘जल्दबाजी’ से आगे बढ़ाने पर नाराजगी व्यक्त की।
नियुक्ति में जल्दबाजी पर नाराजगी
शीर्ष अदालत जेएमएफसी और सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के लिए योग्यता निर्धारित करने के मामले की सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा, ‘‘जब यह अदालत इस मुद्दे पर विचार कर रही है, तो हम चयन प्रक्रिया में जल्दबाजी करने की आवश्यकता नहीं समझते, क्योंकि उक्त निर्णय के परिणाम का जेएमएफसी और सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के लिए निर्धारित योग्यता पर सीधा असर पड़ेगा।’’
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जब सुनवाई लंबित है, नियुक्ति पर रोक रहेगी
शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ के सामने इस मुद्दे पर सुनवाई लंबित है कि क्या किसी अभ्यर्थी को जेएमएफसी और सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के पद के लिए आवेदन करने हेतु न्यूनतम योग्यता के रूप में एक विशिष्ट संख्या में वर्ष निर्धारित किए जाने चाहिए? पीठ ने कहा कि तीन न्यायाधीशों की पीठ ने उच्च न्यायालयों के अलावा सभी राज्यों के मामले और दलीलों को विस्तार से सुना है तथा मामले को निर्णय के लिए सुरक्षित रखा है। उच्चतम न्यायालय ने कहा, ‘‘हम जेएमएफसी और सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के पद पर भर्ती के लिए उच्च न्यायालय द्वारा शुरू की गई कार्यवाही पर रोक लगाते हैं।