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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क
भाजपा विधायक दल द्वारा सीएम के नाम पर मुहर लगने के साथ ही रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बन गई है। रेखा गुप्ता दिल्ली की शालीमार बाग सीट से पहली बार विधायक चुनी गई हैं। उन्होंने शालीमार बाग सीट पर 'आप' की बंदना कुमारी को 29,595 मतों के अंतर से हराया। बता दें रेखा गुप्ता बीजेपी की पांचवी, दिल्ली की चौथी और देश की दूसरी महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं। आईए उन सभी महिला मुख्यमंत्रीयों के बारे में जानते हैं, जिन्होंने दिल्ली की कमान संभाली हैं।
रेखा गुप्ता
रेखा गुप्ता ने 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज से पढ़ाई के दौरान ही छात्र राजनीति में कदम रखा। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ी रहीं और 1996-97 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की अध्यक्ष बनीं, जहां उन्होंने छात्रों के मुद्दों को सक्रिय रूप से उठाया। साल 2007 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद चुने जाने के बाद, उन्होंने क्षेत्र में पुस्तकालय, पार्क और स्विमिंग पूल जैसी सुविधाओं के विकास पर काम किया।
आतिशी मर्लिनी
आतिशी मार्लेना सिंह ने अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद 21 सितंबर 2024 को दिल्ली की 8वीं मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिया। दिल्ली के कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रही हैं। दिल्ली की महिला सीएम के तौर पर आतिशी का कार्यकाल 6 महीनों का रहा। सीएम का कार्यभार संभालन के बाद आतिशी ने कहा था कि,- मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाल लिया है। आज मेरी पीड़ा वैसी ही है जैसी भरत की थी जब भगवान राम 14 साल के लिए वनवास गए थे और भरत को कार्यभार संभालना पड़ा था। जैसे भरत ने 14 साल तक भगवान राम की पादुकाएं संभाली और कार्यभार संभाला, वैसे ही अगले छह महीने मैं भी उसी तरह दिल्ली सरकार चलाऊंगी।
आतिशी आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति की सदस्य हैं और दिल्ली सरकार में शिक्षा, लोक निर्माण विभाग (पी.डब्ल्यू.डी), संस्कृति और पर्यटन की मंत्री भी रही हैं। उन्होंने जुलाई 2015 से 17 अप्रैल 2018 तक दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सलाहकार के रूप में, विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में, कार्य किया।
शीला दीक्षित
शीला दीक्षित भारतीय राजनेत्री थीं, जो 1998 से 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही। इसके अतिरिक्त 11 मार्च 2014 से 25 अगस्त 2015 तक वह भारत के केरल राज्य की राज्यपाल,रही। 1984 से 1989 तक कन्नौज से सांसद, और 10 जनवरी 2011 से अपनी मृत्यु तक दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष रही। दीक्षित 15 साल के अंतराल के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली राज्य की मुख्य मंत्री थी। वे दिल्ली की दूसरी महिला मुख्य मंत्री थीं, तथा देश की पहली ऐसी महिला मुख्यमंत्री थीं जिन्होंने लगातार तीन बार मुख्यमंत्री पद संभाला। इनको 17 दिसंबर 2008 में लगातार तीसरी बार दिल्ली विधान सभा के लिये चुना गया था। 2013 में हुए विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।
बता दें जब 1998 में कांग्रेस चुनाव जीती तो शीला दीक्षित को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया। उसके बाद 2003 में जब चुनाव हुए तो कांग्रेस को एक बार फिर पूर्ण बहुमत मिला। इसके बाद 2008 में विधानसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस को 43 और बीजेपी को 23 सीटें मिली। शीला दीक्षित लगातार 15 साल तक मुख्यमंत्री रहीं।
सुषमा स्वराज
सुषमा स्वराज एक भारतीय महिला राजनीतिज्ञ और भारत की पूर्व विदेश मंत्री थीं। वे वर्ष 2009 में भारत की भारतीय जनता पार्टी द्वारा संसद में विपक्ष की नेता चुनी गयी थीं, इस नाते वे भारत की पन्द्रहवीं लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता रही हैं। इसके पहले भी वे केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में रह चुकी हैं तथा दिल्ली की मुख्यमन्त्री भी रही हैं। वे सन 2009 के लोकसभा चुनावों के लिये भाजपा के 19 सदस्यीय चुनाव-प्रचार-समिति की अध्यक्ष भी रही थीं। दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और देश में किसी राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता बनने की उपलब्धि भी उन्हीं के नाम दर्ज है।
सुषमा स्वराज के रूप में पहली बार साल 1998 में दिल्ली को महिला मुख्यमंत्री मिली। प्याज की बढ़ती कीमतों के कारण विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा और उसके बाद सुषमा स्वराज को सीएम बनाया गया। सुषमा सिर्फ 52 दिन ही मुख्यमंत्री रह पाईं और चुनाव नतीजे आए तो बीजेपी बुरी तरह हार गई।