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SWIGI NON VEG
Indian law : 4 अप्रैल 2024 की सुबह 3 बजे, ग्रेटर नोएडा की रहने वाली छाया शर्मा ने स्विगी ऐप के माध्यम से "लखनवी कबाब पराठा" नामक रेस्टोरेंट से वेजिटेरियन बिरयानी का ऑर्डर दिया। जब ऑर्डर डिलीवर हुआ, तो छाया ने खाना शुरू किया, लेकिन उसे एहसास हुआ कि बिरयानी में चिकन के टुकड़े मौजूद हैं। यह देखकर वह स्तब्ध रह गई, क्योंकि वह एक सख्त शाकाहारी हैं और नॉन-वेज खाने से उनकी धार्मिक व व्यक्तिगत मान्यताओं को ठेस पहुंची।
छाया ने तुरंत रेस्टोरेंट और स्विगी के कस्टमर केयर में शिकायत दर्ज की। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी इस मामले को उठाया, जिसके बाद यह केस वायरल हो गया। स्थानीय पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की और 7 अप्रैल को रेस्टोरेंट के मालिक राहुल राजवंशी को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही, रेस्टोरेंट को सील कर दिया गया।
क्या वेज की जगह नॉनवेज परोसने पर गिरफ्तारी हो सकती है?
यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या खाने में गलत आइटम डिलीवर होने पर रेस्टोरेंट मालिक को गिरफ्तार किया जा सकता है। इस मामले में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 295A (धार्मिक भावनाएं आहत करना) और धारा 420 (ठगी) के तहत केस दर्ज किया है।
गिरफ्तारी का कानूनी आधार
धारा 295A (IPC)
- यह धारा जानबूझकर किसी धार्मिक समुदाय की भावनाओं को आहत करने के लिए लगाई जाती है।
- चूंकि छाया शर्मा शाकाहारी हैं और उन्हें धोखे से नॉन-वेज खिलाया गया, इसलिए यह धारा लागू की गई।
धारा 420 (IPC)
- इस धारा के तहत धोखाधड़ी और ठगी के मामले शामिल हैं।
- ग्राहक ने वेज ऑर्डर किया था, लेकिन उसे नॉन-वेज दिया गया, जिसे धोखाधड़ी माना गया।
FSSAI नियमों का उल्लंघन
- भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के नियमों के अनुसार, रेस्टोरेंट को ऑर्डर के अनुसार ही खाना परोसना चाहिए।
- गलत आइटम डिलीवर करने पर FSSAI एक्शन ले सकता है, जिसमें जुर्माना और लाइसेंस रद्द करना शामिल है।
रेस्टोरेंट को क्यों सील किया गया?
पुलिस ने जांच में पाया कि रेस्टोरेंट में खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था। FSSAI की टीम ने इंस्पेक्शन में कई गड़बड़ियां पाईं, जैसे...
- वेज और नॉन-वेज खाने की अलग-अलग प्रोसेसिंग न होना।
- किचन में साफ-सफाई का अभाव।
- स्टाफ द्वारा हाइजीन नियमों की अनदेखी।
- इन कारणों से रेस्टोरेंट को सील कर दिया गया।
क्या फूड डिलीवरी ऐप (स्विगी/जोमैटो) भी जिम्मेदार है?
- इस मामले में स्विगी की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। क्या फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स को ऐसी गलतियों के लिए जवाबदेह ठहराया जा सकता है?
- FSSAI गाइडलाइंस के अनुसार, डिलीवरी पार्टनर्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रेस्टोरेंट्स FSSAI रजिस्ट्रेशन और हाइजीन स्टैंडर्ड्स का पालन कर रहे हैं।
- भारतीय कानून के तहत, अगर कोई प्लेटफॉर्म लापरवाही करता है, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।
- हालांकि, इस मामले में अभी तक स्विगी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है, लेकिन भविष्य में FSSAI द्वारा नए नियम लागू किए जा सकते हैं।
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ऐसे मामलों में ग्राहक क्या कर सकता है?
अगर किसी ग्राहक के साथ ऐसी घटना होती है, तो वह निम्न कदम उठा सकता है...
- रेस्टोरेंट और डिलीवरी ऐप पर शिकायत दर्ज करें।
- पुलिस में FIR दर्ज कराएं (धारा 295A, 420 के तहत)।
- FSSAI की वेबसाइट (https://www.fssai.gov.in/) पर शिकायत करें।
- उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज कर सकते हैं (CPA, 2019 के तहत)।
यह मामला खाद्य सुरक्षा और ग्राहक अधिकारों से जुड़ा एक गंभीर विषय है। रेस्टोरेंट्स और डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए, वरना कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, ग्राहकों को भी सतर्क रहना चाहिए और ऐसी घटनाओं पर मुकदमा दर्ज कराने से न हिचकिचाएं।