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दिल्ली की सड़कों पर उतरे देश के पहले Hydrogen Truck, नितिन गडकरी ने दिखाई हरी झंडी

टाटा मोटर्स ने हाइड्रोजन तकनीक से चलने वाले देश के पहले ट्रक का ट्रायल शुरू कर दिया है। नई तकनीक वाले इन ट्रकों का 2 साल तक ट्रायल चलेगा। वे टाटा मोटर्स की हाइड्रोजन मोबिलिटी टेक्नोलॉजी का बेहतरीन उदाहरण हैं।

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Ajit Kumar Pandey
TATA MOTERS

TATA MOTERS Photograph: (x)

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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।

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हाइड्रोजन तकनीक से चलने वाले देश के पहले ट्रक का ट्रायल टाटा मोटर्स ने शुरू कर दिया है। कंपनी ने इसकी शुरुआत 4 मार्च से की है। एक कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ प्रल्हाद जोशी ने हरी झंडी दिखाकर ट्रक को ट्रायल के लिए रवाना किया।

क्या बोले केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस मौके पर कहा कि हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है जिसमें उत्सर्जन को कम करके और ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ाकर भारत के परिवहन क्षेत्र को बदलने की अपार क्षमता है। इस तरह की पहल भारी-भरकम ट्रकिंग में टिकाऊ गतिशीलता के लिए संक्रमण को गति देगी और हमें एक कुशल, कम कार्बन वाले भविष्य के करीब ले जाएगी।

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केंद्रीय नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्री बोले

केंद्रीय नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी भी मौजूद थे। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि भारत के टिकाऊ और शून्य-कार्बन भविष्य की ओर बढ़ने के लिए हाइड्रोजन एक महत्वपूर्ण ईंधन है। इस परीक्षण की शुरुआत भारत के परिवहन क्षेत्र को कार्बन मुक्त करने में हरित हाइड्रोजन की क्षमता को प्रदर्शित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का हिस्सा यह पहल वैश्विक जलवायु लक्ष्यों में योगदान करते हुए नवाचार को बढ़ावा देने और भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता प्राप्त करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। 

16 हाइड्रोजन ट्रकों का होगा परीक्षण

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यह ट्रायल अगले 24 महीनों तक चलेगा और इसमें 16 आधुनिक हाइड्रोजन ट्रकों को अलग-अलग कैपेसिटी और कॉन्फिगरेशन के साथ सड़कों पर उतारा जाएगा। इन ट्रकों में हाइड्रोजन इंटरनल कम्बशन इंजन (H2-ICE) और फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी (H2-FCEV) का इस्तेमाल किया गया है। इन ट्रकों का परीक्षण भारत के प्रमुख मालवाहक मार्गों पर किया जाएगा, जिनमें मुंबई, पुणे, दिल्ली-एनसीआर, सूरत, वडोदरा, जमशेदपुर और कलिंगनगर शामिल हैं। 

इन हाइड्रोजन ट्रक्स की क्या हैं खासियतें!

इस ट्रायल के लिए जो ट्रक इस्तेमाल किए जा रहे हैं, वे टाटा मोटर्स की हाइड्रोजन मोबिलिटी टेक्नोलॉजी का बेहतरीन उदाहरण हैं। इनमें दो अलग-अलग प्रकार की टेक्नोलॉजी को शामिल किया गया है।

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  • हाइड्रोजन इंटरनल कम्बशन इंजन (H2-ICE)
  • हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल (H2-FCEV)

इसमें टाटा प्राइमा H.55S ट्रक के दो वेरिएंट शामिल हैं– एक H2-ICE इंजन पर आधारित और दूसरा FCEV तकनीक पर। इसके अलावा, टाटा प्राइमा H.28 नाम का एक और एडवांस्ड H2-ICE ट्रक भी इस ट्रायल का हिस्सा है। 

बेहतरीन सुरक्षा और ड्राइवर कंफर्ट

इन ट्रकों की ऑपरेशनल रेंज 300 से 500 किलोमीटर तक होगी। इन्हें इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह टिकाऊ, किफायती और हाई-परफॉर्मेंस ट्रांसपोर्टेशन को संभव बना सके।

ट्रकों में प्रीमियम प्राइमा कैबिन, एडवांस ड्राइवर-असिस्ट सेफ्टी फीचर्स और बेहतर सस्पेंशन दिए गए हैं, जिससे ड्राइवर को ज्यादा कंफर्ट और कम थकान महसूस होगी। साथ ही, ये ट्रक ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री में सुरक्षा के नए बेंचमार्क स्थापित करेंगे।

भारत में हाइड्रोजन ट्रक की मूल्य सूची 2025

भारत में हाइड्रोजन ट्रक       ट्रक जीवीडब्ल्यू       ट्रक की कीमत

टाटा प्राइमा ई.55एस                                  55000 किलोग्राम                   ₹ 35.20 लाख* - ₹ 40.50 लाख*

टाटा प्राइमा एच.55एस                                55000 किलोग्राम                   ₹ 34.30 लाख* - ₹ 39.50 लाख*

आयशर प्रो 3015 फ्यूल सेल                         19000 किलोग्राम                   ₹ 21.25 लाख - ₹ 26.20 लाख

नोट: अभी ये आंकड़े अपडेट हो रहे हैं।

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