नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । कमल हासन की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'Thug Life' को लेकर कर्नाटक में विवाद गहराता जा रहा है। कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स ने फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक की चेतावनी दी है।
आरोप है कि हासन के बयान से कन्नड़ जनभावनाएं आहत हुई हैं। अब इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हुई है, जहां कोर्ट ने कहा कि "हासन का बयान बवंडर खड़ा कर चुका है।" क्या फिल्म रिलीज़ होगी? इसका फैसला अब कोर्ट करेगा।
कमल हासन की टिप्पणी बनी विवाद की जड़
फिल्म 'Thug Life' का टीज़र रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया। लेकिन इसके साथ ही कमल हासन के एक बयान ने कर्नाटक की राजनीतिक और सामाजिक सरगर्मी बढ़ा दी।
हासन पर आरोप है कि उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कन्नड़ अस्मिता को नीचा दिखाने वाले शब्द कहे, जिससे कई संगठनों और आम नागरिकों की भावनाएं आहत हुईं।
कर्नाटक फिल्म चैंबर ने जताई आपत्ति, स्क्रीनिंग पर दी रोक की धमकी
कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (KFCC) ने फिल्म 'Thug Life' की स्क्रीनिंग के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। चैंबर का कहना है कि जब तक हासन माफी नहीं मांगते, तब तक फिल्म को राज्य में रिलीज़ नहीं होने दिया जाएगा।
KFCC ने साफ कहा, "हम कन्नड़ आत्मसम्मान से समझौता नहीं करेंगे।"
हाईकोर्ट में याचिका दायर, न्यायाधीश का बयान बना सुर्खी
इस विवाद के बीच एक याचिकाकर्ता ने कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया। याचिका में मांग की गई कि सरकार और संबंधित संस्थाएं फिल्म पर कोई भी प्रतिबंधात्मक कार्रवाई न करें।
न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि "हासन का बयान जैसे मधुमक्खियों के छत्ते में हाथ डालना था, पूरे राज्य में प्रतिक्रिया फैली है।"
उन्होंने ये भी दर्ज किया कि फिल्म जल्द ही रिलीज़ होने वाली है, और KFCC पहले ही अपना विरोध दर्ज करा चुका है।
क्या ‘Thug Life’ पर बैन लगेगा? या कोर्ट देगा हरी झंडी?
अब सवाल उठता है कि क्या कर्नाटक में 'Thug Life' की स्क्रीनिंग होगी? या फिर कमल हासन को माफी मांगनी पड़ेगी?
फिल्म से जुड़े निर्माता और वितरक फिलहाल स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। वहीं, कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया है, जो अगले सप्ताह आ सकता है।
कमल हासन की चुप्पी पर फूटा लोगों का गुस्सा
सोशल मीडिया पर #BanThugLife ट्रेंड कर रहा है। यूज़र्स का कहना है कि अगर किसी दूसरे राज्य के कलाकार ने तमिल अस्मिता पर ऐसी टिप्पणी की होती, तो हासन खुद विरोध करते।
वहीं, कुछ लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की दुहाई देते हुए कह रहे हैं कि किसी कलाकार के बयान पर पूरी फिल्म को बैन करना न्यायोचित नहीं।
क्या आप इससे सहमत हैं? क्या फिल्मों पर भावनाओं के नाम पर बैन लगना ठीक है? नीचे कमेंट करके अपनी राय दें।
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