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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड ने अपने सहायक कार्यकारी अधिकारी ए राजशेखर बाबू को सस्पेंड कर दिया। एक बयान में कहा गया कि वह तिरुपति जिले के अपने गृहनगर पुत्तूर में हर रविवार को एक चर्च की प्रार्थना में शामिल हो रहा था। मंगलवार को जारी आदेश में कहा गया कि ये चीज मंदिर प्रबंधन को स्वीकार्य नहीं है।
टीटीडी ने कहा- यह उसकी आचार संहिता के अनुरूप नहीं
टीटीडी के बयान में कहा गया है कि यह बोर्ड के नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने एक मुलाजिम के रूप में टीटीडी की आचार संहिता का पालन नहीं किया है। एक हिंदू धार्मिक संगठन का प्रतिनिधित्व करने वाले मुलाजिम के रूप में गलत बर्ताव किया है। नियमों के अनुसार टीटीडी विजिलेंस की रिपोर्ट के बाद उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई थी। और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
राजशेखर बोले- टीटीडी के नियमों का पालन किया
हालांकि एक रिपोर्ट कहती है कि राजशेखर बाबू ने टीटीडी को बताया था कि वह कुछ दोस्तों से मिलने के लिए चर्च गए थे। राजशेखर बाबू ने बताया कि उन्होंने अपना काम पूरी ईमानदारी से किया और हमेशा टीटीडी की परंपराओं का पालन किया। टीटीडी के एक वरिष्ठ सदस्य होने के नाते अगर कोई मुझे किसी मंदिर या चर्च में बुलाता है तो मैं वहां जाता हूं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं किस धर्म या आस्था का पालन करता हूं। मैंने हमेशा टीटीडी के नियमों का पालन करने की पूरी कोशिश की।
पिछले साल कई गैर हिंदू कर्मियों को टीटीडी ने हटा दिया था
टीटीडी ने कहा कि बोर्ड ने साफ कहा है कि किसी भी गैर-हिंदू को मंदिर की प्रबंध समिति में काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पिछले जून में तेलुगु देशम पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार बनने के बाद टीटीडी ने कई गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटा दिया था। फरवरी में टीटीडी बोर्ड ने गैर-हिंदू धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने पर 18 कर्मचारियों का तबादला कर दिया था। 18 नवंबर को नए अध्यक्ष बीआर नायडू ने अपनी पहली बैठक में राजनीतिक भाषणों पर प्रतिबंध लगाने का भी निर्णय लिया था।
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