Advertisment

ट्रेड स्ट्राइक : बांग्लादेश से रेडीमेड गारमेंट्स प्रोसेस्ड फूड समेत इन वस्तुओं पर लगाया भारत ने प्रतिबंध

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की एक अधिसूचना के अनुसार, ये बंदरगाह प्रतिबंध भारत से होकर गुजरने वाले तथा नेपाल और भूटान जाने वाले बांग्लादेशी माल पर लागू नहीं होंगे।

author-image
Mukesh Pandit
modi yunush
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत ने बांग्लादेश से भारत में रेडीमेड गारमेंट्स, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ आदि जैसे कुछ सामानों के आयात पर बंदरगाह प्रतिबंध लगा दिए हैं। हालांकि, यह बंदरगाह प्रतिबंध भारत से होकर नेपाल और भूटान जाने वाले बांग्लादेशी सामानों पर लागू नहीं होगा। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की एक अधिसूचना के अनुसार, ये बंदरगाह प्रतिबंध भारत से होकर गुजरने वाले तथा नेपाल और भूटान जाने वाले बांग्लादेशी माल पर लागू नहीं होंगे।

Advertisment

भारत ने बांग्लादेश को झटका दिया

मंत्रालय ने कहा कि अधिसूचना में "बांग्लादेश से भारत में रेडीमेड वस्त्र, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ आदि जैसे कुछ सामान के आयात पर बंदरगाह प्रतिबंध लगाए गए हैं." आदेश में कहा गया है कि बांग्लादेश से रेडीमेड वस्त्रों का आयात किसी भी भूमि बंदरगाह से नहीं किया जा सकेगा. हालांकि, इसे केवल न्हावा शेवा और कोलकाता के बंदरगाहों के माध्यम से ही अनुमति दी गई है। India | Bangladesh | bangkok news | bangladeshi migrants | Bangladeshi immigrants delhi

इन रास्तों से बांग्लादेशी सामानों की अनुमति नहीं

Advertisment

मंत्रालय ने कहा कि, फलों, फलों के स्वाद वाले और कार्बोनेटेड पेय, प्रोसेस्ड फूड (बेक्ड माल, स्नैक्स, चिप्स और कन्फेक्शनरी), कपास और सूती धागे के कचरे, प्लास्टिक और पीवीसी तैयार माल, रंग, प्लास्टिसाइजर और कणिकाओं, लकड़ी के फर्नीचर के लिए अधिसूचना में कहा गया है कि पड़ोसी देश से आने वाले शिपमेंट को असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में किसी भी एलसीएस (भूमि सीमा शुल्क स्टेशन) और आईसीपी (एकीकृत चेक पोस्ट) और पश्चिम बंगाल में एलसीएस चंग्रबांधा और फुलबारी के माध्यम से अनुमति नहीं दी जाएगी।

मंत्रालय ने बताया कि, अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि ये बंदरगाह प्रतिबंध बांग्लादेश से मछली, एलपीजी, खाद्य तेल और क्रश्ड स्टोन के आयात पर लागू नहीं होते हैं. इन बदलावों को करने के लिए, देश की आयात नीति में एक नया पैराग्राफ जोड़ा गया है, जो बांग्लादेश से भारत में इन वस्तुओं के आयात को "तत्काल प्रभाव से" रेगुलेट करता है।

भारत और बांग्लादेश के संबंधों में आई खटास!

Advertisment

9 अप्रैल को, भारत ने नेपाल और भूटान को छोड़कर मध्य पूर्व, यूरोप और विभिन्न अन्य देशों को विभिन्न वस्तुओं के निर्यात के लिए बांग्लादेश को दी गई ट्रांसशिपमेंट सुविधा को वापस ले लिया. यह घोषणा बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस द्वारा हाल ही में चीन में दिए गए विवादास्पद बयान की पृष्ठभूमि में की गई थी।

बांग्लादेश के साथ लगभग 1,600 किमी की सीमा 

यूनुस ने कहा था कि भारत के सात पूर्वोत्तर राज्य, जो बांग्लादेश के साथ लगभग 1,600 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं, भूमि से घिरे हुए हैं और उनके देश के अलावा समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है। नई दिल्ली में इस टिप्पणी को अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली।

Advertisment

इस पर भारत में राजनीतिक नेताओं ने भी पार्टी लाइन से हटकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। मुख्य रूप से परिधान क्षेत्र के भारतीय निर्यातकों ने भी पहले सरकार से पड़ोसी देश को यह सुविधा वापस लेने का आग्रह किया था. यूनुस द्वारा उस देश में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं पर हमलों को रोकने में विफल रहने के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में नाटकीय रूप से गिरावट आई है।

Bangladeshi immigrants delhi bangladeshi migrants bangkok news Bangladesh India
Advertisment
Advertisment