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तुर्की की कंपनी सेलेबी भारत से आउट! एयरपोर्ट सुरक्षा पर हाईकोर्ट का फैसला किस खतरे की घंटी है?

दिल्ली हाईकोर्ट ने सेलेबी एविएशन की याचिका खारिज कर दी, जिससे उसकी सुरक्षा मंजूरी रद्द करने का सरकारी फैसला बरकरार रहा। यह हवाई अड्डे की सुरक्षा पर भारत के कड़े रुख का प्रमाण है, राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं।

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Ajit Kumar Pandey
तुर्की की कंपनी सेलेबी भारत से आउट! एयरपोर्ट सुरक्षा पर हाईकोर्ट का फैसला किस खतरे की घंटी है? | यंग भारत न्यूज

तुर्की की कंपनी सेलेबी भारत से आउट! एयरपोर्ट सुरक्षा पर हाईकोर्ट का फैसला किस खतरे की घंटी है? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।दिल्ली उच्च न्यायालय ने तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी एविएशन की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें भारत सरकार द्वारा उसकी सुरक्षा मंजूरी रद्द करने को चुनौती दी गई थी। यह फैसला हवाई अड्डों पर सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करता है और दर्शाता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

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दिल्ली हाई कोर्ट ने सेलेबी एविएशन की उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा उसकी सुरक्षा मंजूरी रद्द किए जाने के फैसले को चुनौती दी गई थी। इस फैसले से सेलेबी एविएशन को बड़ा झटका लगा है और यह हवाई अड्डों पर काम करने वाली कंपनियों के लिए सुरक्षा मानकों के महत्व को दर्शाता है। सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए सेलेबी की मंजूरी रद्द की थी, जिसे कोर्ट ने बरकरार रखा है। यह घटनाक्रम भारत की एविशन सेक्टर की सुरक्षा नीतियों पर एक महत्वपूर्ण प्रकाश डालता है।

भारत के हवाई अड्डों पर सुरक्षा हमेशा से एक संवेदनशील और सर्वोच्च प्राथमिकता वाला मुद्दा रहा है। ऐसे में किसी भी कंपनी की सुरक्षा मंजूरी रद्द होना और फिर उच्च न्यायालय द्वारा उस फैसले को बरकरार रखना, एक गंभीर संकेत है। सेलेबी एविएशन, जो कई भारतीय हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं प्रदान करती थी, के लिए यह एक बड़ा झटका है, जिससे उसके भविष्य के संचालन पर सवालिया निशान लग गया है।

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क्या थी पूरी कहानी ? सरकार ने क्यों लिया यह कड़ा कदम?

केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले सेलेबी एविएशन की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी। सरकार के इस कदम के पीछे के सटीक कारण सार्वजनिक रूप से पूरी तरह से स्पष्ट नहीं किए गए हैं, लेकिन यह समझा जाता है कि इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण पहलू शामिल थे। ग्राउंड हैंडलिंग कंपनियां हवाई अड्डों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिसमें सामान की लोडिंग-अनलोडिंग, विमान की सफाई, और अन्य लॉजिस्टिक्स कार्य शामिल हैं। ऐसे में उनकी पृष्ठभूमि और संचालन की पूरी तरह से जांच-परख आवश्यक होती है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि: सरकार का मानना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता, खासकर ऐसे रणनीतिक स्थानों जैसे हवाई अड्डों पर।

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खुफिया इनपुट: यह माना जा रहा है कि सरकार ने कुछ विशिष्ट खुफिया इनपुट के आधार पर यह निर्णय लिया होगा। हालांकि, इन इनपुट की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।

वैश्विक संबंध: तुर्की के साथ भारत के बदलते भू-राजनीतिक संबंधों को भी इस फैसले के पीछे एक अप्रत्यक्ष कारण के रूप में देखा जा सकता है, हालांकि इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है।

सेलेबी ने इस फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, यह तर्क देते हुए कि सरकार का निर्णय मनमाना और अनुचित था। कंपनी ने अपनी सेवाओं और सुरक्षा रिकॉर्ड का हवाला दिया, लेकिन कोर्ट ने सरकार के पक्ष को अधिक महत्व दिया।

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हाईकोर्ट का फैसला: सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं!

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में कार्यपालिका (Executive) के पास व्यापक शक्तियां होती हैं और ऐसे फैसलों में न्यायिक हस्तक्षेप सीमित होता है, खासकर जब निर्णय ठोस सबूतों और खुफिया जानकारी पर आधारित हों।

न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि हवाई अड्डे जैसे संवेदनशील स्थानों पर काम करने वाली कंपनियों के लिए सुरक्षा मंजूरी एक विशेषाधिकार है, कोई मौलिक अधिकार नहीं। सरकार को यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि कौन सी संस्थाएं इन संवेदनशील क्षेत्रों में काम करती हैं। इस फैसले से अन्य विदेशी कंपनियों को भी एक स्पष्ट संदेश गया है कि भारत में परिचालन के लिए सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य है।

सेलेबी एविएशन पर आगे क्या? भविष्य अधर में!

इस फैसले के बाद सेलेबी एविएशन के लिए भारत में अपने परिचालन को जारी रखना बेहद मुश्किल हो गया है। कंपनी को अब भारत से अपनी सेवाएं समेटनी पड़ सकती हैं, जिससे उसके कर्मचारियों और भारतीय विमानन क्षेत्र में कुछ हद तक व्यवधान आ सकता है। हालांकि, भारतीय कंपनियां इस रिक्त स्थान को भरने के लिए तैयार होंगी।

यह घटनाक्रम भारतीय विमानन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण को भी बढ़ावा दे सकता है। सरकार 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' पर जोर दे रही है, और ऐसे में यह संभव है कि घरेलू ग्राउंड हैंडलिंग कंपनियों को बढ़ावा दिया जाए।

यह सिर्फ सेलेबी का मामला नहीं है, बल्कि यह दुनिया भर में हवाई अड्डे की सुरक्षा के बढ़ते महत्व को दर्शाता है। हाल के वर्षों में कई देशों ने अपनी हवाई अड्डे की सुरक्षा नीतियों को कड़ा किया है। आतंकवाद और अन्य सुरक्षा खतरों के मद्देनजर, सरकारों को ऐसी कंपनियों पर कड़ी नजर रखनी पड़ती है जो महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे में काम करती हैं। यह फैसला भारत के मजबूत सुरक्षा रुख को प्रदर्शित करता है।

दिल्ली उच्च न्यायालय का यह फैसला स्पष्ट करता है कि भारत सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में कोई ढील नहीं बरतेगी। यह उन सभी कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है जो भारतीय हवाई अड्डों या किसी भी संवेदनशील क्षेत्र में काम करना चाहती हैं: सुरक्षा और नियमों का पालन सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हित की रक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। 

साल 2009 से ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं दे रही थी तुर्की की कंपनी सेलेबी

तुर्की की कंपनी Celebi Aviation (सेलेबी एविएशन) भारत में 2009 से ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं प्रदान कर रही थी। हालांकि यह कंपनी सीधे तौर पर "एविएशन सुरक्षा" (aviation security) का संचालन नहीं करती थी, लेकिन इसका कार्य हवाई अड्डों पर बेहद संवेदनशील क्षेत्रों में होता था, जैसे:

  • विमानों का ग्राउंड हैंडलिंग (लोडिंग, अनलोडिंग)
  • कार्गो मूवमेंट
  • पैसेंजर सहायता सेवाएं
  • लॉजिस्टिक्स और बैगेज हैंडलिंग
  • रनवे और टर्मिनल के संपर्क क्षेत्र

इन सभी कार्यों का सीधा संबंध एयरपोर्ट की सुरक्षा से होता है, क्योंकि इन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की चूक से सुरक्षा में गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।

भारत में कहां-कहां सक्रिय थी सेलेबी?

सेलेबी एविएशन ने भारत में कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और घरेलू हवाई अड्डों पर काम किया, जैसे:

  • दिल्ली (IGI Airport)
  • मुंबई (Chhatrapati Shivaji Maharaj International Airport)
  • बेंगलुरु, अहमदाबाद, कोच्चि, हैदराबाद, और गोवा जैसे अन्य प्रमुख हवाई अड्डे

क्यों आई सुरक्षा पर चिंता?

भारत सरकार ने 2023-24 के दौरान कुछ सुरक्षा इनपुट्स के आधार पर सेलेबी की "सिक्योरिटी क्लीयरेंस" को रद्द कर दिया था। कहा जाता है कि इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गंभीर मुद्दे शामिल थे, हालांकि सभी विवरण गोपनीय रखे गए।

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