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Nitin Gadkari बोले- जनता जातिवादी नहीं, नेताओं ने वोट बैंक के लिए जातिवाद फैलाया

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में जातिवाद पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि जाति व्यवस्था को नेताओं ने बनाया है, न कि आम जनता ने। उनका कहना था कि जनता जातिवादी नहीं है, बल्कि नेताओं द्वारा वोट बैंक के लिए जाति का इस्तेमाल किया जाता है।

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Ranjana Sharma
Nitin Gadkari
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नई द‍िल्‍ली,वाईबीएन नेटवर्क। 
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में जातिवाद पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि जाति व्यवस्था को नेताओं ने बनाया है, न कि आम जनता ने। उनका कहना था कि जनता जातिवादी नहीं है, बल्कि नेताओं द्वारा वोट बैंक के लिए जाति का इस्तेमाल किया जाता है। गडकरी ने यह भी कहा कि समाज को आगे बढ़ाने के लिए जातिवाद और पिछड़ेपन की राजनीति को समाप्त करना होगा। इस समय देश में जाति और पिछड़ेपन को लेकर राजनीति गर्माई हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि नेता ही जाति को जिंदा रखते हैं और इसे अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। गडकरी के अनुसार जनता आपस में भाईचारे के साथ रहना चाहती है, लेकिन नेताओं ने समाज को अपने स्वार्थ के लिए बांट दिया है।

जात‍िवाद को नेताओं ने बनाया हैहथियार

उन्होंने कहा क‍ि पिछड़ापन अब एक राजनीतिक हथियार बन गया है। नेता इस होड़ में लगे हैं कि कौन सबसे ज्यादा पिछड़ा है, ताकि वह लोगों से सहानुभूति और समर्थन हासिल कर सकें। गडकरी ने यह भी स्पष्ट किया कि पहले पिछड़ेपन का मतलब गरीबी, अशिक्षा और संसाधनों की कमी से था, लेकिन अब यह सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा बन चुका है। इस पर अब एक प्रकार का मुकाबला शुरू हो गया है, जिसमें हर कोई यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि वह सबसे ज्यादा पिछड़ा हुआ है। यह समाज के लिए लाभकारी नहीं है, बल्कि नुकसानदायक है।

जाति और पिछड़ेपन की राजनीति को खत्म करना जरूरी 

गडकरी ने समाज को आगे बढ़ाने के लिए जाति और पिछड़ेपन की राजनीति को खत्म करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका मानना है कि हमें शिक्षा, रोजगार और विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। जाति के नाम पर समाज को बांटने से देश कमजोर होगा। उनका यह भी कहना था कि यदि नेता जातिवाद को छोड़ दें, तो जनता अपने आप एकजुट होकर देश को मजबूत बनाएगी। गडकरी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है। कुछ लोग उनके बयान से सहमत हैं और मानते हैं कि नेता ही जातिवाद को बढ़ावा देते हैं, जबकि कुछ का कहना है कि यह बस एक राजनीतिक बयान है और इसमें कुछ नया नहीं है। नितिन गडकरी अपने बेबाक बयानों के लिए प्रसिद्ध हैं, और वे अक्सर समाज और राजनीति से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करते रहे हैं।
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