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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।दुनियाभर में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए सैनिक प्रदान करने वाले देशों के प्रतिनिधिमंडल भारत की ओर से आयोजित एक महत्वपूर्ण सम्मेलन में हिस्सा लेने के वास्ते 14 से 16 अक्टूबर तक दिल्ली में जुटेंगे। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र सैन्य योगदानकर्ता देशों (यूएनटीसीसी) के प्रमुखों के सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और शांति अभियानों के लिए अवर महासचिव (यूएसजी, डीपीओ) जीन पियरे लैक्रोइक्स हिस्सा लेंगे। खास बात यह है कि इस सम्मेलन से चीन और पाकिस्तान को दूर रखा गया है। दोनों ही पड़ोसी देश को न्योता नहीं दिया गया है।
उभरते खतरों पर विचार-विमर्श होगा
यूएनटीसीसी अभियानगत चुनौतियों, उभरते खतरों, अंतर-संचालन, निर्णय लेने में समावेशिता तथा संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना को मजबूत करने में प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण की भूमिका पर विचार करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम करता है। बयान में कहा गया, भारत संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक के रूप में, अभियानगत चुनौतियों और उभरते खतरों पर विचार-विमर्श करने, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और भविष्य के शांति अभियानों पर साझा समझ बनाने के लिए इस उच्च स्तरीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है।
सोमवार को पहुंचेंगे विदेशी प्रतिनिधि
इसमें कहा गया कि दुनियाभर में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए सैनिक प्रदान करने वाले देशों के प्रतिनिधिमंडलों के 13 अक्टूबर सोमवार को दिल्ली पहुंचने की संभावना है। बयान के अनुसार, भारतीय सेना 14 से 16 अक्टूबर तक इस सम्मेलन की मेजबानी करेगी, जिसमें संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले 32 देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी एक मंच पर आएंगे। इसमें कहा गया कि यह सम्मेलन ‘‘वसुधैव कुटुंबकम’’ के सिद्धांत को प्रतिबिंबित करता है।
किन देशों को मिला न्योता
बयान के मुताबिक, पूर्ण सत्र में यूएनटीसीसी के प्रमुख और प्रतिनिधिमंडल प्रमुख अपने विचार रखेंगे। इसमें कहा गया कि सम्मेलन के दौरान साझा क्षमता निर्माण, द्विपक्षीय बैठकें और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए रक्षा प्रदर्शनियां भी आयोजित की जाएंगी। इसमें बताया गया कि सम्मेलन में अल्जीरिया, आर्मेनिया, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, ब्राजील, बुरुंडी, कंबोडिया, मिस्र, इथियोपिया, फिजी, फ्रांस, घाना, इटली, कजाकिस्तान, केन्या, किर्गिस्तान, मेडागास्कर, मलेशिया, मंगोलिया, मोरक्को, नेपाल, नाइजीरिया, पोलैंड, रवांडा, श्रीलंका, सेनेगल, तंजानिया, थाईलैंड, युगांडा, उरुग्वे और वियतनाम हिस्सा लेंगे। बयान में कहा गया, यह आयोजन वैश्विक शांति, स्थिरता और साझा समृद्धि के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण होगा।