Uttarakhand Avalanche: बर्फीली बाढ़ में फंसे एक की मौत, सुरक्षित निकाले गए 48 मजदूर, 6 की हो रही तलाश
उत्तराखंड के जिला चमोली में माणा क्षेत्र के पास शुक्रवार को आए बर्फीली बाढ़ में फंसे मजदूरों को रेस्क्यू करने का काम सुबह से लगातार चल रहा है। साथ ही एक मजदूर की मौत हो गई है।
उत्तराखंड के जिला चमोली में माणा क्षेत्र के पास शुक्रवार को आए बर्फीली बाढ़ में फंसे मजदूरों को रेस्क्यू करने का काम सुबह से लगातार चल रहा है। साथ ही एक मजदूर की मौत हो गई है। तो वहीं चमोली में अभी भी हिमस्खलन का खतरा बना हुआ है। उधर, मौसम विभाग ने प्रदेश में कई जिलों में बारिश के भी संकेत दिए हैं।
हिमस्खलन बचाव अभियान अभी जारी है। सड़कें अवरुद्ध होने के कारण कुल छह हेलिकॉप्टरों को लोगों को निकालने के लिए तैनात किया गया है। लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव पीआरओ डिफेंस देहरादून की ओर से जानकारी दी गई कि अभी तक 47 में से 23 मजदूरों को जोशीमठ पहुंचाया जा चुका है। दुर्भाग्य से, एक घायल व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है और एक की हालत गंभीर है। घायलों को निकालने के लिए प्राथमिकता दी जा रही है।
भारत-चीन सीमा पर स्थित सीमांत जिले चमोली के माणा के पास भीषण हिमस्खलन में फंसे मजदूरों को निकालने का काम जारी है। श्वेत मरुस्थल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बचाने के लिए मौसम खुलते ही माणा में बचाव अभियान चल रहा है। अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। उम्मीद की जा रही है कि बाकी फंसे मजदूरों को भी सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। घटनास्थल से जो सूचनाएं मिल रही है, उनके मुताबिक, बाकी मजदूर एक कंटेनर में हैं, जो पूरी तरह से बर्फ से ढक चुका है।
उत्तराखंड के चमोली में हुए हिमस्खलन पर यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, उत्तराखंड सरकार वहां की घटना (हिमस्खलन) में फंसे उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। हम उत्तराखंड सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं। हम ईश्वर से उनकी सुरक्षित घर वापसी की प्रार्थना करते हैं। हम श्रमिकों के परिजनों के भी संपर्क में हैं।
सीएम धामी ने चार घंटे में दूसरी बार आपदा परिचालन केंद्र का दौरा किया। चमोली में हिमस्खलन और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। मुख्यमंत्री लगातार अपडेट ले रहे हैं। कहा कि हम प्रभावित परिवारों के साथ खड़े हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ आर्मी हेलीपेड पहुंचे। यहां उन्होंने लाए गए घायलों का हालचाल पूछा। माना में हुए एवलांच के रेस्क्यू ऑपरेशन को ध्यान में रखते हुए आज जीओसी इन सी सेंट्रल कमांड, लेo जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, जीओसी उत्तर भारत एरिया और डीजीबीआर माना पहुंचने वाले है। मौसम के अनुकूल रहने पर लेo जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, जीओसी इन सी सेंट्रल कमांड, मीडिया को ऑन साइट ब्रीफ करेंगे।
चमोली के माणा में हुए हिमस्खलन को देखते हुए एसडीआरएफ मुख्यालय जौलीग्रांट से अलर्ट जारी करते हुए तीन हाई एल्टीट्यूट रेस्क्यू टीमों को जौलीग्रांट, सहस्रधारा और गोचर में तैनात किया गया। मौसम साफ होते ही टीमों ने हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू उपकरणों के साथ उड़ान भरी। गोचर और सहस्रधारा में आठ-आठ लोगों की दो टीमों और जौलीग्रांट मुख्यालय में बटालियन की दस लोगों की एक टीम को तैनात किया गया है। इन टीमों को सेटेलाइट फोन और बर्फ में रेस्क्यू के लिए जरूरी उपकरणों के साथ तैनात किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सीएम धामी से फ़ोन पर बात कर जनपद चमोली के माणा में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। साथ ही उन्होंने प्रदेश में हो रही बारिश और हिमपात की स्थिति पर भी विस्तृत जानकारी ली। इस दौरान प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हर संभव सहायता प्रदान किए जाने का आश्वासन दिया।
यदि मौसम अनुकूल रहा तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को ग्राउंड जीरो पहुंचे। मुख्यमंत्री धामी ने हेली रेस्क्यू के लिए वायुसेना के हेलिकॉप्टर के साथ ही यूकाडा के हेलिकॉप्टरों को भी शनिवार सुबह रेस्क्यू अभियान में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने बताया कि शनिवार सुबह से युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य संचालित किए जा रहे हैं। प्रत्येक श्रमिक की सुरक्षित वापसी के लिए जो संभव होगा, वह करेंगे।
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