देहरादून/ नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड क्षेत्र में रविवार सुबह बड़ा हादसा हुआ। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर आर्यन कंपनी का एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। हादसा सुबह करीब 5:30 बजे हुआ। हेलिकॉप्टर में कुल सात लोग सवार थे, जिनमें सभी की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में एक 23 महीने का मासूम बच्चा भी शामिल है। घटना की जानकारी मिलते ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके के लिए रवाना हो गई हैं।
खराब मौसम बना हादसे की वजह
हादसे के पीछे खराब मौसम को संभावित कारण बताया जा रहा है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार और हेलिकॉप्टर नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने घटना की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि स्थानीय नेपाली मूल की महिलाओं ने गौरी माई खर्क के जंगल में क्रैश होते हेलिकॉप्टर को देखा और सूचना दी।
मृतकों के बारे में जानिए
हादसे में जान गंवाने वालों में महाराष्ट्र के जयसवाल परिवार के तीन सदस्य, राजकुमार जयसवाल, श्रद्धा जयसवाल और उनका 23 महीने का बच्चा काशी जयसवाल शामिल हैं। अन्य मृतकों में तुष्टि सिंह, स्थानीय निवासी विनोद नेगी, बीकेटीसी के कर्मचारी विक्रम सिंह रावत और हेलिकॉप्टर के कैप्टन राजीव शामिल हैं। शव बुरी तरह से जल चुके हैं और राहत टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं।
पिछले दिनों भी हुई थी इमरजेंसी लैंडिंग
सात जून को भी इसी क्षेत्र में एक हेलिकॉप्टर हादसा होते-होते बचा था। क्रिस्टल कंपनी के हेलिकॉप्टर में तकनीकी खराबी के चलते पायलट ने रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई थी। हेलिकॉप्टर की टेल हाईवे पर खड़ी कार से टकरा गई और एक दुकान का हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया। उस हादसे में पांच यात्री सुरक्षित थे, लेकिन पायलट को पीठ में चोट आई थी।
उत्तरकाशी में भी हुआ था हादसा
इससे पहले 8 मई को उत्तरकाशी के गंगोत्री नेशनल हाईवे पर गंगनानी के पास एयरोट्रांस कंपनी का एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। उस हादसे में पायलट समेत छह यात्रियों की मौत हो गई थी जबकि एक घायल को एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया था। हेलिकॉप्टर ने सहस्त्रधारा से हर्षिल के लिए उड़ान भरी थी और हादसे का कारण खराब मौसम बताया गया था।
हवाई यात्रा की सुरक्षा को लेकर सवाल
उत्तराखंड में हो रहे लगातार हेलिकॉप्टर हादसों ने हवाई यात्रा की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर चारधाम यात्रा के दौरान। प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं और हेलिकॉप्टर सेवाओं की निगरानी बढ़ा दी गई है