नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । 19 जून 2025 को भारत के चार प्रमुख राज्यों—केरल, पंजाब, पश्चिम बंगाल और गुजरात—में पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। जनता आज तय करेगी कि इन सीटों पर सत्ता की कुर्सी किसके हाथ लगेगी। चुनावी माहौल गर्म है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
लोकतंत्र का उत्सव एक बार फिर पूरे जोश के साथ मनाया जा रहा है। आज 19 जून 2025 को देश के चार राज्यों—केरल, पंजाब, पश्चिम बंगाल और गुजरात—की कुल पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग हो रही है। नतीजे 23 जून को आएंगे। सुबह 7 बजे से शुरू हुए मतदान में मतदाता अपने-अपने बूथों पर लंबी कतारों में खड़े दिखे। इनमें बुजुर्ग, युवा, महिलाएं और पहली बार वोट देने वाले नागरिकों में खासा उत्साह देखने को मिला।
भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा गुजरात, केरल, पंजाब और पश्चिम बंगाल के 5 विधानसभा सीटों पर मतदान मतदान करवाया जा रहा है। ये सभी पांच सीटें इस्तीफे या निधन की वजह से खाली हो गईं थी।
किन-किन सीटों पर हो रहा है उपचुनाव?
केरल – नीलांबुर विधानसभा सीट : यहां मुकाबला कांग्रेस और एलडीएफ के बीच कड़ा माना जा रहा है। मुस्लिम लीग और लेफ्ट पार्टियों की सक्रियता ने माहौल को दिलचस्प बना दिया है।
पंजाब – लुधियाना पश्चिम : आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी के बीच त्रिकोणीय संघर्ष है। यह सीट भगवंत मान सरकार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी है।
पश्चिम बंगाल – कालीगंज सीट : टीएमसी बनाम बीजेपी की लड़ाई ने बंगाल का सियासी तापमान फिर से बढ़ा दिया है। ममता बनर्जी की पकड़ पर भी यह चुनाव असर डाल सकता है।
गुजरात – विसावदक और कड़ी सीटें : बीजेपी इन सीटों को बनाए रखने की कोशिश में है, वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भी पूरा जोर लगा रखा है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। केंद्रीय बलों की तैनाती के साथ-साथ हर बूथ पर CCTV कैमरे लगाए गए हैं। संवेदनशील बूथों की निगरानी ड्रोन कैमरों से भी की जा रही है।
2026 में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव और 2029 में लोकसभा चुनाव से पहले यह एक सेमीफाइनल की तरह है।
पार्टियों के लिए यह जनता के मूड को भांपने का जरिया है।
जो दल इन उपचुनावों में अच्छा प्रदर्शन करेगा, उसके लिए यह आने वाले चुनावों की नींव मजबूत करेगा।
लोगों की जुबान पर कई मुद्दे हैं—महंगाई, बेरोजगारी, स्थानीय विकास और भ्रष्टाचार। कई मतदाताओं ने बताया कि वे किसी पार्टी नहीं, बल्कि काम के आधार पर वोट कर रहे हैं। यह संकेत है कि अब ‘काम की राजनीति’ ज्यादा मायने रखती है।
अब तक की वोटिंग रिपोर्ट
दोपहर 12 बजे तक सभी पांच सीटों पर औसतन 37% से ज्यादा मतदान हो चुका है। केरल और पश्चिम बंगाल में मतदान में सबसे ज्यादा उत्साह देखा गया है। महिलाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही है।
क्या कहती हैं राजनीतिक पार्टियां?
बीजेपी ने दावा किया है कि जनता मोदी सरकार के विकास मॉडल पर भरोसा जता रही है।
कांग्रेस और आप दोनों का कहना है कि लोग बदलाव चाहते हैं।
टीएमसी और एलडीएफ अपने गढ़ को बरकरार रखने के लिए संघर्ष कर रही हैं।
ये उपचुनाव ना सिर्फ सीटों का गणित बदल सकते हैं बल्कि राजनीतिक संदेश भी दे सकते हैं। जनता ने वोट डालकर एक बार फिर लोकतंत्र को मजबूत किया है। अब निगाहें 22 जून को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं, जो कई दलों की दिशा और दशा तय करेंगे।
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