नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। मध्य प्रदेश के आदिवासी विकास मंत्री विजय शाह के महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए विवादित बयान को लेकर मामला तूल पकड़ चुका है। हाईकोर्ट ने इस बयान को "कैंसर जैसा और खतरनाक" बताते हुए तल्ख टिप्पणी की थी और राज्य के डीजीपी को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था। इसके बाद देर रात विजय शाह पर मानपुर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई।
सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी
FIR के खिलाफ विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इसे रद्द करने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मंत्री को फटकार लगाते हुए कहा, "आप एक मंत्री होकर कैसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं? संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए।" जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने कहा था कि विजय शाह द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा "गटरछाप" है और यह "भारत की एकता व अखंडता के लिए खतरनाक" है। कोर्ट ने यह भी कहा कि सशस्त्र बल देश की आखिरी ईमानदार, अनुशासित और बलिदानी संस्था हैं, और उन पर ऐसा हमला अस्वीकार्य है।
कर्नल कुरैशी को निशाना बनाना पहचान पर हमला
कोर्ट ने कहा कि कर्नल कुरैशी, जो मुस्लिम हैं, को आतंकियों की बहन बताकर यह संदेश देने की कोशिश की गई कि निस्वार्थ देश सेवा के बावजूद सिर्फ धर्म के आधार पर किसी का उपहास उड़ाया जा सकता है। यह न केवल दुर्भावनापूर्ण है बल्कि समाज को तोड़ने वाला भी है।
भाजपा में भी आंतरिक कलह सामने आई
FIR दर्ज होने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा व अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे। सूत्रों के अनुसार, विजय शाह से इस्तीफा मांगा गया, लेकिन उन्होंने हाईकोर्ट में पक्ष रखने का अवसर देने की मांग की। मंगलवार को पार्टी कार्यालय में वरिष्ठ नेताओं की फटकार के बाद शाह ने बयान पर खेद जताया और माफी भी मांगी, लेकिन मामला शांत नहीं हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने विजय शाह को तत्काल बर्खास्त करने और एफआईआर की मांग की। उन्होंने कहा कि इस तरह का बयान भाजपा की विचारधारा और मर्यादा के खिलाफ है।
Col Sophia Qureshi टिप्पणी मामला: SC के बाद HC ने भी हड़काया, कहा मंत्री का बयान खतरनाक
कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट के बाद जबलपुर हाईकोर्ट की भी तल्ख टिप्पणी आई है। हाई कोर्ट ने कहा मंत्री का बयान कैंसर जैसा खतरनाक।
Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। मध्य प्रदेश के आदिवासी विकास मंत्री विजय शाह के महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए विवादित बयान को लेकर मामला तूल पकड़ चुका है। हाईकोर्ट ने इस बयान को "कैंसर जैसा और खतरनाक" बताते हुए तल्ख टिप्पणी की थी और राज्य के डीजीपी को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था। इसके बाद देर रात विजय शाह पर मानपुर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई।
सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी
FIR के खिलाफ विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इसे रद्द करने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मंत्री को फटकार लगाते हुए कहा, "आप एक मंत्री होकर कैसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं? संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए।" जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने कहा था कि विजय शाह द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा "गटरछाप" है और यह "भारत की एकता व अखंडता के लिए खतरनाक" है। कोर्ट ने यह भी कहा कि सशस्त्र बल देश की आखिरी ईमानदार, अनुशासित और बलिदानी संस्था हैं, और उन पर ऐसा हमला अस्वीकार्य है।
कर्नल कुरैशी को निशाना बनाना पहचान पर हमला
कोर्ट ने कहा कि कर्नल कुरैशी, जो मुस्लिम हैं, को आतंकियों की बहन बताकर यह संदेश देने की कोशिश की गई कि निस्वार्थ देश सेवा के बावजूद सिर्फ धर्म के आधार पर किसी का उपहास उड़ाया जा सकता है। यह न केवल दुर्भावनापूर्ण है बल्कि समाज को तोड़ने वाला भी है।
भाजपा में भी आंतरिक कलह सामने आई
FIR दर्ज होने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा व अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे। सूत्रों के अनुसार, विजय शाह से इस्तीफा मांगा गया, लेकिन उन्होंने हाईकोर्ट में पक्ष रखने का अवसर देने की मांग की। मंगलवार को पार्टी कार्यालय में वरिष्ठ नेताओं की फटकार के बाद शाह ने बयान पर खेद जताया और माफी भी मांगी, लेकिन मामला शांत नहीं हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने विजय शाह को तत्काल बर्खास्त करने और एफआईआर की मांग की। उन्होंने कहा कि इस तरह का बयान भाजपा की विचारधारा और मर्यादा के खिलाफ है।