/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/15/ZqDpwQ6hTNRinBcA0vbT.png)
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक नई याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अब इस मामले में किसी भी नई याचिका पर सुनवाई नहीं की जाएगी। पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह 70 से अधिक याचिकाओं में से केवल पांच पर ही सुनवाई करेगा। कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार एवं केवी विश्वनाथन की पीठ ने आज इस पर निर्णय सुनाया। 5 मई को ये पीठ पहले से निर्धारित पांच याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
13 याचिकाओं पर विचार करने से भी इनकार कर दिया था
इससे पहले 29 अप्रैल को कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 13 याचिकाओं पर विचार करने से भी इनकार कर दिया था। पीठ ने स्पष्ट किया कि वह अब याचिकाओं की संख्या और नहीं बढ़ाएगी क्योंकि यदि ऐसा किया गया तो यह अनियंत्रित हो जाएगा और संभालना कठिन हो जाएगा। 17 अप्रैल को भी कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 से संबंधित याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए केवल पांच याचिकाओं पर सुनवाई करने का फैसला लिया था और मामला टाइटल किया था "वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के संबंध में"।
पांच मई को होगी सुनवाई
केंद्र ने कोर्ट को आश्वस्त किया था कि वह 5 मई तक वक्फ के उपयोगकर्ताओं सहित वक्फ संपत्तियों को न तो गैर-अधिसूचित करेगा और न ही केंद्रीय वक्फ परिषद और बोर्डों में किसी तरह की नियुक्ति करेगा। इस कानून के खिलाफ कुल 72 याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें प्रमुख रूप से एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी), जमीयत उलमा-ए-हिंद, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी और मोहम्मद जावेद शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने तीन वकीलों को नोडल वकील नियुक्त करते हुए उनसे कहा कि वे आपस में निर्णय लें कि कौन बहस करेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि 5 मई को होने वाली सुनवाई केवल प्रारंभिक आपत्तियों और अंतरिम आदेशों के लिए होगी
Advertisment