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लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश होने पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इस बिल को मुस्लिम समुदाय के खिलाफ सबसे बड़ा अन्याय करार दिया। मसूद का कहना है कि यह संशोधन वक्फ की संपत्तियों को छीनने और उन्हें सरकारी संपत्ति घोषित करने का रास्ता साफ करेगा।
विवादित प्रावधानों पर उठाए सवाल
इमरान मसूद ने खासतौर पर क्लॉज 2A और 3(vii)(e) को लेकर कड़ी आपत्ति जताई। उनका कहना है कि इन प्रावधानों के जरिए सरकार वक्फ संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने की तैयारी कर रही है। उन्होंने दावा किया कि यूपी में पहले ही 14,000 हेक्टेयर में से 11,500 हेक्टेयर जमीन को सरकारी संपत्ति घोषित किया जा चुका है। अगर नया कानून लागू हुआ, तो यह फैसला और मजबूत हो जाएगा।
क्या कहता है नया कानून?
नए विधेयक के मुताबिक, वही संपत्ति वक्फ मानी जाएगी, जिस पर कोई विवाद न हो और जो पहले से सरकारी संपत्ति न हो। मसूद के अनुसार, यही सबसे खतरनाक प्रावधान है, क्योंकि अगर सरकार पहले ही वक्फ संपत्तियों को सरकारी घोषित कर चुकी है, तो अब वे वक्फ के अधिकार से बाहर हो जाएंगी।
सरकार का तर्क और विपक्ष की आपत्ति
सरकार का कहना है कि यह संशोधन वक्फ संपत्तियों के विवादों को खत्म करने और बेहतर प्रबंधन के लिए लाया जा रहा है। लेकिन विपक्ष इसे मुसलमानों के खिलाफ साजिश मान रहा है। कांग्रेस नेता का आरोप है कि इससे वक्फ बोर्ड कमजोर होगा और मुस्लिम समुदाय की जमीनों पर कब्जा करने का रास्ता खुल जाएगा।
बिल के खिलाफ कड़ा विरोध
इमरान मसूद ने इस विधेयक को तत्काल वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ संपत्तियों का मुद्दा नहीं, बल्कि मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर सीधा हमला है। उनका कहना है कि अगर यह बिल पास हुआ तो वक्फ बोर्ड के पास कोई अधिकार नहीं बचेगा और मुसलमानों की जमीनों को सरकारी संपत्ति बना दिया जाएगा।
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