नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
केंद्रीय सरकार द्वारा प्रस्तुत वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025, राज्यसभा में आज यानी 3 अप्रैल 2025 को पेश किया जाएगा। यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस विधेयक के तहत कई अहम प्रावधानों का समावेश किया गया है, जो वक्फ बोर्डों के कामकाज को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाएंगे। विधेयक में वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम और महिला सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान, वक्फ संपत्तियों की समीक्षा के लिए जिला कलेक्टर को अधिकार देने, ‘वक्फ बाय यूज़र’ की अवधारणा को समाप्त करना, सभी वक्फ संपत्तियों को केंद्रीय डेटाबेस में पंजीकरण की अनिवार्यता और वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसलों के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील का अधिकार जैसी प्रमुख व्यवस्था की गई है।
लोकसभा में पारित हो चुका है विधेयक
2 अप्रैल 2025 को लोकसभा में इस विधेयक पर लगभग 12 घंटे तक गर्म बहस हुई। बहस के बाद विधेयक के पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े, जिसके बाद यह विधेयक लोकसभा से पारित हो गया। अब, विधेयक राज्यसभा में चर्चा और मतदान के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
राज्यसभा में बहुमत की चुनौती
राज्यसभा में इस विधेयक के पारित होने के लिए सरकार को अपनी गठबंधन सहयोगियों और कुछ विपक्षी दलों का समर्थन जुटाना पड़ेगा। राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं, जिनमें से 11 सीटें फिलहाल रिक्त हैं, जिससे प्रभावी संख्या 234 रह जाती है। विधेयक के पारित होने के लिए 117 वोटों की आवश्यकता होगी। भारत सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के पास राज्यसभा में 96 सांसद हैं। इसके अलावा, भाजपा के गठबंधन सहयोगी दलों के पास 17 सीटें हैं, जिससे भाजपा को 113 वोट मिलते हैं, जो बहुमत से दो कम हैं। इस प्रकार, सरकार को विधेयक को पारित करने के लिए विपक्षी दलों के कुछ सांसदों का समर्थन प्राप्त करना जरूरी होगा।
क्या कहते हैं राजनीति के जानकार?
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, भाजपा को राज्यसभा में वक्फ विधेयक को पारित कराने के लिए कई विपक्षी दलों के समर्थन की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि, इसे लेकर ताजा समीकरण और चर्चाएं काफी तेज हैं। इसके अलावा, राज्यसभा में विधेयक पर चर्चा और वोटिंग के बाद ही इस बात का स्पष्ट अनुमान लगाया जा सकता है कि क्या यह विधेयक पारित हो पाएगा या नहीं।
आज की प्रक्रिया
राज्यसभा में इस विधेयक पर आज सुबह 11 बजे से चर्चा शुरू होने की संभावना है। चर्चा के बाद, विधेयक पर मतदान होगा, जिससे इसके पारित होने या न होने का निर्णय होगा। भाजपा और इसके सहयोगी दल इस विधेयक को पारित कराने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं, जबकि विपक्ष इस पर विरोध करने की रणनीति तैयार कर रहा है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक की महत्वपूर्ण बातें
- वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम और महिला सदस्यों की नियुक्ति: यह बदलाव वक्फ बोर्डों को और अधिक प्रतिनिधित्व देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
- वक्फ संपत्तियों का केंद्रीय डेटाबेस में पंजीकरण: इसके तहत सभी वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया जाएगा, जिससे संपत्तियों का सही तरीके से रिकॉर्ड रखा जा सकेगा।
- 'वक्फ बाय यूज़र' की अवधारणा का समाप्त होना: वक्फ संपत्तियों का उपयोग करने वाले व्यक्तियों या संस्थाओं को अब कानूनी रूप से अधिक जवाबदेह ठहराया जाएगा।
- वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ अपील का अधिकार: यदि कोई वक्फ ट्रिब्यूनल का निर्णय पक्षकारों को ठीक न लगे, तो वे उच्च न्यायालय में अपील कर सकेंगे।