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नई दिल्ली, वाई बीएन डेस्क। केंद्र ने एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास नियम, 2025 को अधिसूचित कर दिया है जो वक्फ संपत्तियों के पोर्टल और डेटाबेस, उनके पंजीकरण के तरीके, ऑडिट कराने और खातों के रखरखाव जैसे मुद्दों से संबंधित हैं। इन नियमों को 1995 के अधिनियम की धारा 108 बी के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए अधिसूचित किया गया, जिसे वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के माध्यम से शामिल किया गया था। यह कानून आठ अप्रैल 2025 से प्रभावी हुआ।
डेटाबेस, ऑडिट पर नियम अधिसूचित
नियमों के अनुसार, वक्फ का ब्यौरा दाखिल करने, ‘औकाफ’ (वक्फ) की सूची अपलोड करने, नये वक्फ का पंजीकरण करने, औकाफ के रजिस्टर के रखरखाव और वक्फ के मुतवल्ली के खातों के रखरखाव और प्रस्तुत करने, ऑडिट रिपोर्ट के प्रकाशन और अधिनियम की धारा 48 के तहत कार्यवाही और ऑर्डर बोर्ड के प्रयोजनों के लिए एक पोर्टल और डेटाबेस स्थापित किया गया है। अधिसूचित नियमों में कहा गया है कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव एवं वक्फ प्रभाग के प्रभारी पोर्टल और डेटाबेस के पर्यवेक्षण और नियंत्रण के लिए जिम्मेदार होंगे।
पोर्टल और डाटाबेस में वे सभी जानकारियां मिलेंगी
पोर्टल और डाटाबेस में वे सभी जानकारियां और विवरण शामिल होंगे जो वक्फ अधिनियम में बताए गए हैं। इसमें वक्फ संपत्तियों की निगरानी और प्रबंधन तथा इससे जुड़ा डेटा, अदालत के मामले, विवादों का समाधान और वक्फ व उससे जुड़ी संपत्तियों की जानकारी दर्ज करने के लिए जरूरी अन्य जानकारियां भी होंगी। नियमों में कहा गया है कि प्रत्येक राज्य सरकार कम से कम संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त करेगी और केंद्र सरकार के परामर्श से एक केंद्रीकृत सहायता इकाई की स्थापना करेगी, जो वक्फ और उसकी संपत्तियों के विवरण अपलोड करने, पंजीकरण, खातों के रखरखाव, ऑडिट और वक्फ और बोर्ड की अन्य संबंधित गतिविधियों को सुव्यवस्थित करने में सहायता प्रदान करेगी।
वक्फ संपत्ति की होगी एक विशिष्ट पहचान संख्या
नियम के अधिसूचित होने से पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों को अपलोड और अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव पोर्टल और डाटाबेस के ऑपरेशनल कंट्रोल की निगरानी करेंगे। केंद्र ने अधिसूचित किए नियम, संपत्तियों को अपलोड व अपडेट करने की शुरू होगी प्रक्रिया।
पोर्टल और डाटाबेस, रिकॉर्ड पर आने वाली प्रत्येक वक्फ संपत्ति के लिए एक विशिष्ट पहचान संख्या को स्वचालित रूप से उत्पन्न करेगा। इसका उपयोग भविष्य के सभी संदर्भों और संपत्तियों की ट्रैकिंग व निगरानी के लिए किया जाएगा।अधिसूचित नियमों के अनुसार, मुतवल्ली अपने मोबाइल नंबर और ई-मेल का उपयोग करके पोर्टल और डाटाबेस पर इन्हें नामांकित करेंगे। अगर किसी संपत्ति को गलत तरीके से वक्फ घोषित करने की शिकायत मिलती है, तो जिला कलेक्टर से संदर्भ प्राप्त होने के एक वर्ष के भीतर नामित सरकारी अधिकारी को जांच पूरी करनी होगी।
वक्फ (संशोधन) अधिनियम को अप्रैल में पारित किया था
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लागू करने के लिए हाल ही में केंद्रीय कानून मंत्रालय को मसौदा नियम भेजे थे। इसे 21 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के आगामी मानसून सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। वक्फ (संशोधन) अधिनियम को संसद ने अप्रैल में पारित किया था। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के नियमन और प्रबंधन में व्यापक बदलाव लाना है।
कानून के विवादास्पद प्रविधानों के विरुद्ध विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।केंद्रीय नियमों की अधिसूचना के बाद अगला कदम राज्य के लिए मॉडल नियमों का निर्माण है। मॉडल नियम बनाने के लिए कानून मंत्रालय के सेवानिवृत्त अधिकारियों और अन्य विशेषज्ञों की एक समिति बनाई जाएगी। मॉडल नियम को राज्य कुछ संशोधनों के साथ अपना सकते हैं। देश | ट्रेंडिंग waqf | muslims on waqf | new waqf act 2025 | parliament waqf bill | president of india on waqf bill | new female member in waqf board not present in content