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"वक्फ की दौलत - गरीबों की हकीकत! जगदंबिका पाल ने बताई आंखें खोलने वाली सच्चाई"

वक्फ संशोधन एक्ट: क्या गरीब मुसलमानों को अब मिलेगा उनका हक? मोदी सरकार का दावा है कि यह कानून देश भर में वक्फ संपत्तियों के कुप्रबंधन को रोकेगा और उनका लाभ सही लाभार्थियों तक पहुंचाएगा। जानें क्यों ज़रूरी है यह बदलाव।

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Ajit Kumar Pandey

"वक्फ की दौलत - गरीबों की हकीकत! जगदंबिका पाल ने खोली आंखें खोलने वाली सच्चाई" | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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मुंबई, वाईबीएन डेस्क ।वक्फ संशोधन एक्ट से आखिरकार गरीब मुसलमानों को फायदा मिलेगा या नहीं? यह एक ऐसा सवाल है, जो लंबे समय से बहस का विषय रहा है। आज बुधवार 2 जुलाई 2025 को मुंबई में वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने इस मुद्दे पर प्रकाश डाला है। उनका कहना है कि वक्फ की देश में सबसे ज़्यादा संपत्ति है, लेकिन इसका लाभ आम और गरीब मुसलमानों तक नहीं पहुंच रहा है। क्या मोदी सरकार के इस प्रयास से वाकई देश भर के गरीब और पिछड़े मुसलमानों का जीवन बदलेगा?

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देश में वक्फ संपत्तियों का मुद्दा हमेशा से संवेदनशील रहा है। वक्फ, इस्लामिक कानून के तहत दान की गई संपत्तियां होती हैं, जिनका उद्देश्य धार्मिक और परोपकारी कार्यों के लिए उपयोग करना होता है। लेकिन, पिछले कई दशकों से इन संपत्तियों के कुप्रबंधन और दुरुपयोग के आरोप लगते रहे हैं। 

जगदंबिका पाल के अनुसार, उनकी समिति ने गुजरात, कर्नाटक, चेन्नई, कोलकाता, असम, भुवनेश्वर जैसे देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया और पाया कि वास्तव में वक्फ के पास देश की सबसे अधिक संपत्ति है। यह एक चौंकाने वाला तथ्य है, जो सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर इतनी बड़ी संपत्ति का लाभ उन लोगों तक क्यों नहीं पहुंच रहा, जिनके लिए यह बनाई गई थी?

वक्फ संशोधन एक्ट का मुख्य उद्देश्य इसी विसंगति को दूर करना है। मोदी सरकार का लगातार यही प्रयास रहा है कि इन संपत्तियों का लाभ समाज के सबसे गरीब और पिछड़े वर्ग तक पहुंचे। 

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क्यों ज़रूरी है वक्फ संशोधन?

कुप्रबंधन पर लगाम: वक्फ संपत्तियों के कुप्रबंधन की शिकायतें लगातार आती रही हैं। कई बार इन संपत्तियों पर अवैध कब्जे या उनका दुरुपयोग देखा गया है।

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पारदर्शिता की कमी: इन संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता की कमी भी एक बड़ी चुनौती रही है, जिससे भ्रष्टाचार की आशंका बनी रहती है।

लाभार्थियों तक पहुंच: सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वक्फ का मूल उद्देश्य ही गरीबों और ज़रूरतमंदों की मदद करना है, लेकिन अक्सर ऐसा नहीं हो पाता।

संशोधित कानून का लक्ष्य वक्फ बोर्डों की कार्यप्रणाली में सुधार लाना, उन्हें अधिक जवाबदेह बनाना और यह सुनिश्चित करना है कि इन संपत्तियों से होने वाली आय का उपयोग सही मायनों में समाज के वंचित तबके के उत्थान के लिए हो। यह सिर्फ एक कानून नहीं, बल्कि लाखों गरीब मुसलमानों के जीवन में बदलाव लाने की उम्मीद है।

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देशभर में मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया: जगदंबिका पाल

जगदंबिका पाल ने यह भी बताया कि इस कानून के पारित होने के बाद कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश भर के गरीब और पिछड़े मुसलमानों ने इसका स्वागत किया है। यह एक महत्वपूर्ण संकेत है कि ज़मीनी स्तर पर लोग इस बदलाव को सकारात्मक रूप में देख रहे हैं। हालांकि, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली, जो शायद स्थानीय राजनीतिक समीकरणों का परिणाम हो सकता है। 

amendment in waqf board act | jagdambika pal 

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