/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/07/nishikant-dubey-2025-07-07-13-22-09.jpg)
"1984 में ब्रिटिश सेना ने चलाया था ऑपरेशन ब्लू स्टार? निशिकांत दुबे के दावे ने मचाया बवाल!" | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने एक ऐसा बयान दिया है, जिससे देश की राजनीति और इतिहास दोनों में भूचाल आ गया है। उन्होंने दावा किया है कि 1984 में ऑपरेशन ब्लूस्टार के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ब्रिटेन की सेना से मदद ली थी। इतना ही नहीं, उन्होंने कांग्रेस पर खालिस्तानी नेता भिंडरांवाले को पालने-पोसने का भी आरोप लगाया है।
ऑपरेशन ब्लूस्टार भारतीय इतिहास का एक ऐसा अध्याय है, जिसकी दर्दनाक यादें आज भी लोगों के ज़ेहन में ताज़ा हैं। 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में छिपे खालिस्तानी अलगाववादियों को बाहर निकालने के लिए भारतीय सेना ने यह सैन्य कार्रवाई की थी। इस ऑपरेशन में सैकड़ों लोगों की जान गई थी, और इसके बाद ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी। अब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के इस नए दावे ने इस ऐतिहासिक घटना पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। उनका यह बयान निश्चित रूप से राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ देगा, खासकर सिख समुदाय के बीच।
निशिकांत दुबे के सनसनीखेज़ आरोप: क्या छिपा था इतिहास के पन्नों में?
निशिकांत दुबे ने अपने ट्वीट में साफ तौर पर कहा कि 1984 में इंदिरा गांधी ने गोल्डन टेंपल पर जो हमला किया था, उसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इसके लिए ब्रिटेन की सेना की मदद ली गई थी। यह एक ऐसा आरोप है, जो अगर सच साबित होता है, तो भारत-ब्रिटेन संबंधों और उस दौर की भारतीय राजनीति पर गंभीर सवाल खड़े करेगा। क्या वास्तव में उस संवेदनशील समय में भारत सरकार ने किसी विदेशी ताकत की मदद ली थी? यह सवाल आज भी कई लोगों के मन में कौंध रहा है।
ब्रिटेन की भूमिका: निशिकांत दुबे का आरोप है कि ब्रिटेन की सेना ने ऑपरेशन ब्लूस्टार में मदद की। यह दावा अगर पुख्ता होता है, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी गूंज सुनाई देगी।
भिंडरांवाले और कांग्रेस: निशिकांत दुबे ने यह भी कहा कि जरनैल सिंह भिंडरांवाले, जिसने स्वर्ण मंदिर पर कब्जा कर लिया था, उसे कांग्रेस ने ही पाला-पोसा था। यह आरोप कांग्रेस पर सिख विरोधी होने के पुराने आरोपों को फिर से हवा दे रहा है। क्या कांग्रेस ने राजनीतिक लाभ के लिए भिंडरांवाले जैसे अलगाववादी नेता को बढ़ावा दिया? यह एक गंभीर प्रश्न है, जिस पर गहन जांच की आवश्यकता है।
VIDEO | Here's what BJP MP Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) said on Operation Bluestar.
— Press Trust of India (@PTI_News) July 7, 2025
"My tweet is very important because in 1984, former PM Indira Gandhi launched an attack on the Golden Temple, and the most surprising this is that they took the help of Britain's army. We… pic.twitter.com/2GKavWDdRf
करतारपुर साहिब: 1960 का समझौता और अनसुलझे सवाल
निशिकांत दुबे ने अपने बयान में करतारपुर साहिब के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने दावा किया कि 1960 में सरदार स्वर्ण सिंह द्वारा एक समझौते के तहत करतारपुर साहिब पाकिस्तान को दिया गया था। उन्होंने इस बात पर भी हैरानी जताई कि सरदार स्वर्ण सिंह उस समय न तो गृह मंत्री थे और न ही विदेश मंत्री, वे केवल एक 'सरदार' थे। दुबे ने इसे सिख समुदाय के साथ "अनुचित" बताया।
करतारपुर कॉरिडोर का महत्व: करतारपुर साहिब सिखों के लिए एक पवित्र स्थान है, जहां गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष बिताए थे। भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर एक महत्वपूर्ण पहल है, जो सिख श्रद्धालुओं को बिना वीज़ा के इस पवित्र स्थल के दर्शन करने की अनुमति देता है।
समझौते पर सवाल: 1960 के समझौते पर सवाल उठाकर दुबे ने सिख समुदाय की भावनाओं को फिर से जगाया है। क्या उस समय वास्तव में कोई ऐसा समझौता हुआ था, और अगर हुआ था, तो इसकी शर्तें क्या थीं? यह सवाल आज भी कई लोगों के मन में है।
"कांग्रेस का बहिष्कार करें सिख": निशिकांत दुबे की तीखी अपील
निशिकांत दुबे ने अपने बयान के अंत में सिख समुदाय से कांग्रेस का बहिष्कार करने की अपील की। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि दुनिया भर के सिखों को कांग्रेस का बहिष्कार करना चाहिए क्योंकि सिख समुदाय के प्रति उनकी मंशा अच्छी नहीं है।" यह एक बेहद भावनात्मक और राजनीतिक रूप से संवेदनशील अपील है, जो आने वाले समय में कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।
राजनीतिक निहितार्थ: दुबे का यह बयान आगामी चुनावों को देखते हुए भी महत्वपूर्ण है। सिख समुदाय का समर्थन किसी भी राजनीतिक दल के लिए अहम होता है, और कांग्रेस पर इस तरह के आरोप निश्चित रूप से उसके वोट बैंक को प्रभावित कर सकते हैं।
इतिहास और भावनाएं: ऑपरेशन ब्लूस्टार और 1984 के सिख विरोधी दंगों ने सिख समुदाय के मन में कांग्रेस के प्रति गहरी टीस छोड़ रखी है। दुबे का बयान इन घावों को फिर से हरा कर सकता है।
क्या हैं इन आरोपों के पीछे के तथ्य?
निशिकांत दुबे के ये दावे ऐतिहासिक और राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील हैं। ऑपरेशन ब्लूस्टार में ब्रिटेन की भूमिका के आरोप पहले भी लगते रहे हैं, लेकिन कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया है। इसी तरह, भिंडरांवाले को कांग्रेस द्वारा पाले जाने के आरोप भी पुराने हैं, जिन पर राजनीतिक बहस अक्सर होती रही है। करतारपुर साहिब समझौते को लेकर भी ऐतिहासिक तथ्यों की गहन पड़ताल जरूरी है।
यह ज़रूरी है कि इन दावों की सच्चाई सामने आए। सरकार और संबंधित एजेंसियां इन आरोपों पर स्पष्टीकरण दें। इतिहास के पन्नों में दबी सच्चाइयों को बाहर निकालना ही न्याय की ओर पहला कदम होगा। यह खबर केवल राजनीतिक बयानबाजी से कहीं बढ़कर है; यह उन अनसुलझे सवालों और गहरी भावनाओं को छूती है जो भारतीय इतिहास के एक दुखद अध्याय से जुड़ी हैं।
निशिकांत दुबे ने ऑपरेशन ब्लूस्टार में ब्रिटेन की सेना की मदद, कांग्रेस द्वारा भिंडरांवाले को बढ़ावा देने और करतारपुर साहिब समझौते पर सवाल उठाए हैं, साथ ही सिखों से कांग्रेस का बहिष्कार करने की अपील की है।
निशिकांत दुबे के इन बयानों ने एक बार फिर ऑपरेशन ब्लूस्टार और सिख समुदाय से जुड़े कई संवेदनशील मुद्दों को सुर्खियों में ला दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इन आरोपों पर कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
यह खबर न केवल इतिहास के भूले-बिसरे पन्नों को पलटने पर मजबूर करती है, बल्कि वर्तमान राजनीति और सिख समुदाय की भावनाओं पर भी गहरा असर डालेगी। क्या ये आरोप इतिहास की नई परतें खोलेंगे, या केवल एक राजनीतिक बयानबाजी बनकर रह जाएंगे, यह तो वक्त ही बताएगा।
Britain | Khalistan | Khalistani Terrorist | Golden temple | indira gandhi | bjp mp nishikant dubey