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वेलकम बैक बेटा शुभांशु : प्रशांत में उतरा यान, देश में खुशी का सैलाब! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आज मंगलवार 15 जुलाई 2025 को शाम को अंतरिक्ष में 38 दिनों की ऐतिहासिक यात्रा के बाद भारत का लाल शुभांशु शुक्ला पृथ्वी पर सकुशल लौट आए हैं। उनके ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट कैप्सूल ने कैलिफोर्निया के प्रशांत महासागर में सफलतापूर्वक लैंडिंग की, जिसके साथ ही पूरे देश में जश्न का माहौल छा गया। यह पल हर भारतीय के लिए गर्व और खुशी लेकर आया है।
#ShubhanshuShukla is back on earth.....🫡 pic.twitter.com/QkBlY3cBtf
— Mr Sinha (@MrSinha_) July 15, 2025
आपको बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। जिस पल का पूरा देश बेसब्री से इंतजार कर रहा था, वह आखिरकार आ गया। भारत के जांबाज शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में 20 दिन और अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर 18 दिन बिताने के बाद धरती पर कदम रख दिया है। उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट कैप्सूल सोमवार शाम (भारतीय समयानुसार) को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से सफलतापूर्वक अलग हुआ और मंगलवार को कैलिफोर्निया के तट पर प्रशांत महासागर में उतरा। यह सिर्फ एक वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए प्रेरणा और गौरव का विषय है।
#WATCH | ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार एक्सिओम-4 चालक दल, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिनों के प्रवास के बाद प्रशांत महासागर में उतरे।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 15, 2025
(वीडियो सोर्स: एक्सिओम स्पेस/यूट्यूब) pic.twitter.com/Kgz0roQgxh
मां भारती का सपूत लौटा: जब प्रशांत में उतरा 'ड्रैगन'
जैसे ही शुभांशु शुक्ला और उनके क्रू सदस्यों को लेकर ड्रैगन कैप्सूल प्रशांत महासागर की लहरों पर उतरा, देश में भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ा। करोड़ों आंखें टीवी स्क्रीन पर टिकी थीं, और जैसे ही 'स्प्लैशडाउन' की खबर आई, हर जगह तालियों और जयकारों की गूंज सुनाई दी। शुभांशु के माता-पिता के लिए यह पल शायद उनके जीवन का सबसे भावनात्मक क्षण था। उनके चेहरे पर गर्व और खुशी साफ झलक रही थी, आंखों में आंसू थे – खुशी और राहत के आँसू। यह दृश्य हर किसी को भावुक कर गया।
Group Captain Shubhanshu Shukla and Axiom-4 crew assisted out of the Dragon Spacecraft onto the recovery vehicle, after their return to earth from the International Space Station 18 days later #AxiomMission4
— ANI (@ANI) July 15, 2025
(Source: Axiom Space/ YouTube) pic.twitter.com/uPDQPLG6wT
अंतरिक्ष में भारत का परचम: शुभांशु की 38 दिन की यात्रा
शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा कई मायनों में खास रही। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर रहते हुए महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लिया और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों को नई ऊंचाई दी। यह न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के बढ़ते कद का भी प्रमाण है। उनकी यात्रा ने युवा पीढ़ी को विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है।
अंतरिक्ष में जीवन: शुभांशु ने बताया कि अंतरिक्ष स्टेशन में रहना एक अलग ही अनुभव था। गुरुत्वाकर्षणहीनता में दिनचर्या से लेकर वैज्ञानिक कार्यों तक, सब कुछ सामान्य से अलग होता है।
वैज्ञानिक प्रयोग: उन्होंने कई महत्वपूर्ण बायो-मेडिकल और भौतिकी से संबंधित प्रयोगों में योगदान दिया, जिनके नतीजे भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: यह मिशन अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का भी एक बेहतरीन उदाहरण है, जहाँ विभिन्न देशों के अंतरिक्ष यात्रियों ने मिलकर काम किया।
देश में जश्न का माहौल: हर तरफ शुभांशु-शुभांशु!
शुभांशु शुक्ला के सकुशल लौटने की खबर ने पूरे देश को खुशी से भर दिया है। सोशल मीडिया से लेकर टीवी चैनलों तक, हर जगह उनकी चर्चा हो रही है। लोग एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं, मिठाइयां बांट रहे हैं और अपने हीरो का स्वागत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के दिग्गज नेताओं ने भी शुभांशु को बधाई दी है। यह जश्न इस बात का प्रमाण है कि भारतीय अपने वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष यात्रियों पर कितना गर्व करते हैं।
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