/young-bharat-news/media/media_files/2025/05/31/IWbtuaT1oDPgYg6t6eLu.jpg)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः हिमाचल सरकार ने इस साल 20 फरवरी तक इलेक्ट्रिसिटी सरेंडर सब्सिडी स्कीम के तहत लगभग 59 लाख रुपये की बचत की है। सरकार ने पिछले एक साल में 1 जनवरी 2024 से 20 फरवरी 2025 के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और कैबिनेट मंत्रियों के आवासों के बिजली बिलों पर 17,95,879 रुपये खर्च किए हैं।
कैबिनेट सदस्यों के बिजली बिलों का ब्योरा विधानसभा में पेश
सुक्खू ने जनवरी 2024 से फरवरी 2025 तक मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और अन्य कैबिनेट सदस्यों के आधिकारिक आवासों के बिजली बिलों का ब्योरा विधानसभा में पेश किया। सदन को बताया गया कि उनके साथ कम से कम 15 मंत्रियों ने इस साल 20 फरवरी के बाद अपनी बिजली सब्सिडी सरेंडर दी है। सुक्खू ने विपक्षी विधायकों से भी ऐसा ही करने का आग्रह किया। धर्मशाला से भाजपा विधायक सुधीर शर्मा और शाहपुर से कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया ने यह जानकारी मांगी थी।
साल भर में सुक्खू के घर का बिल 3.76 लाख रुपये
सबसे ज्यादा बिल नगरोटा से कांग्रेस विधायक आरएस बाली के सरकारी घर का आया। ये 6.78 लाख रुपये है। वो हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री भी हैं। इसी अवधि में सुखू के ओक ओवर स्थित आवास का बिल 3.76 लाख रुपये आया।
सरकार के अनुसार, 20 फरवरी, 2025 तक बिजली सब्सिडी सरेंडर स्कीम के तहत राज्य को लगभग 59 लाख रुपये का पायदा हुआ है।
इस साल 2 जनवरी को सीएम सुखू राज्य के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने अपने नाम से 125 मुफ्त यूनिट बिजली की सब्सिडी सरेंडर की।
सुखू ने बताया कि सब्सिडी के क्रियान्वयन के साथ-साथ सूबा आईपीडीएस और आरडीएसएस जैसी केंद्रीय योजनाओं के तहत अपने स्मार्ट मीटरिंग नेटवर्क का तेजी से विस्तार कर रहा है। अब तक शिमला शहर, धर्मशाला शहर और इन योजनाओं के अंतर्गत आने वाले अन्य क्षेत्रों में कुल 6,52,955 स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। राज्य का लक्ष्य फरवरी 2026 तक कुछ क्षेत्रों में पूर्ण स्मार्ट मीटरिंग पूरी करना है।
Himachal Pradesh, Electricity Subsidy Surrender Scheme, Saving of Rs 59 Lakh, Himachal Assembly