/young-bharat-news/media/media_files/2025/03/30/VZk9F1bwH0SQsF1fL1Bm.jpg)
नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में पीएम नरेंद्र मोदी, संघ प्रमुख डा. मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और सीएम (महाराष्ट्र) देवेंद्र फडणवीस
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः मुंबई के नेशनल स्पोर्ट्स क्लब आफ इंडिया में शनिवार को एक नायाब तस्वीर देखने को मिली। 20 साल के अंतराल के बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ एक मंच पर दिखे। मौका खास था तो राज ठाकरे ने बात भी खास कही। उन्होंने उद्धव के साथ मिलन का श्रेय महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस को दिया। उनका कहना था कि दोनों भाईयों के बीच सुलह तो बाला साहेब ठाकरे भी नहीं करा पाए थे पर देवेंद्र फडणवीस ने ये कर दिखाया।
2005 के बाद दोनों भाई जब अलग हुए तब बाल ठाकरे जिंदा थे
उद्धव और राज के बीच दरार तो अरसे से बनने लगी थी लेकिन ये लोगों को तब दिखाई दी जब 2005 में राज ठाकरे ने मातोश्री से दूरी बनानी शुरू कर दी। ये वो साल था जब राजऔर उद्धव आखिरी बार साथ दिखे थे। दोनों एक चुनावी रैली में गए थे। वहीं पर एक साथ जनसभा को संबोधित किया। जब दोनों भाईयों के बीच दरार की खबरें आम होने लगीं तो लोगों को लगा कि बाल ठाकरे के होते दोनों अलग नहीं हो सकते। पर बाल ठाकरे के जिंदा रहते ही राज ठाकरे ने अपनी अलग राह बना ली। 2006 में उन्होंने अपनी पार्टी मनसे की स्थापना की और अपने चाचा के नक्शे कदम पर चलने लगे। उसके बाद से दोनों भाईयों की राहें जुदा ही रहीं।
दोनों एक सूबे में थे। दोनों की राजनीति एक सी थी। अगर कुछ अलग था तो दोनों का रास्ता। बाला साहेब के जाने के बाद उद्धव ने बीजेपी के साथ गठजोड़ बनाए रखा। राज भी बीजेपी के साथ आना चाहते थे। 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने बीजेपी की कमान संभाली तो उनकी तारीफ करने वाले पहले गैर बीजेपी नेता राज ठाकरे ही थे। उनका कहना था कि वो हिंदुत्व के लिए नरेंद्र मोदी का साथ हमेशा देने को तैयार हैं। उनका इशारा मनसे बीजेपी के गठजोड़ की तरफ था पर बीजेपी ने तवज्जो नहीं दी।
2019 के बाद से दोनों के अस्तित्व पर संकट मंडराया
2019 के बाद के दौर में जब बीजेपी ने शिवसेना को तोड़ दिया और उद्धव ठाकरे के लिए अपनी पार्टी बचाना भी भारी होने लगा तो भी राज ठाकरे उनके साथ नहीं आए। लेकिन जब दोनों भाई सियासी रसातल की तरफ तेजी से जाने लग गए तो दोनों एक साथ आ गए। आज की तारीख में दोनों ही अपना वजूद बचाने के लिए जूझ रहे हैं। 288 की महाराष्ट्र असेंबली में उद्धव के केवल 20 विधायक हैं तो मनसे का कोई नहीं। जाहिर है कि दोनों भाई अपने अस्तित्व को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
पाडकास्ट पर राज ने कहा था- वो उद्धव से मिलने को तैयार
दोनों के साथ आने की बातें तब शुरू हुईं जब राज ठाकरे ने एक पाडकास्ट पर कहा कि बड़े मकसद के लिए वो छोटे मतभेद मिटाने को तैयार हैं। उद्धव ने बाहें फैलाकर छोटे भाई का स्वागत किया। हालांकि उसके बाद भी दोनों एक नहीं हो पा रहे थे। दोनों को एक माकूल मौके का इंतजार था। लेकिन जैसे ही बीजेपी सरकार ने महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य करने का फैसला किया दोनों को वो माकूल मौका मिल गया। दोनों एक साथ दिखे और शनिवार को एक साथ और एक मंच पर।
सीएम फडणवीस बोले- राज को थैंक्स
राज ठाकरे ने अपने मिलन के लिए देवेंद्र फडणवीस को शुक्रिया कहा। उनका कहना था कि न तो हिंदी को लेकर फडणवीस अड़ते और न ही वो साथ आ पाते। हालांकि फडणवीस ने राज ठाकरे की इस बात का अपने तरीके से जवाब दिया। कहा- थैंक्स।
Raj Thackeray, Devendra Fadnavis, Maharashtra, Uddhav Thackeray, Bal Thackeray