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America के टैरिफ बढ़ाने का भारत पर क्या असर पड़ा? रिपोर्ट में हुआ खुलासा

America द्वारा टैरिफ बढ़ाए जाने का भारत पर कोई खास असर नहीं दिखा है और इस साल के अंत तक पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते से इसका प्रभाव सीमित हो जाएगा।

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Pratiksha Parashar
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नई दिल्ली, आईएएनएस। 

अमेरिका (america) द्वारा टैरिफ बढ़ाए जाने का भारत पर कोई खास असर नहीं दिखा है और इस साल के अंत तक पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते से इसका प्रभाव सीमित हो जाएगा। यह जानकारी शुक्रवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में सामने आयी है। बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) की रिपोर्ट के अनुसार, अगर माना जाए कि अमेरिका को भारत के निर्यात के मूल्य में 10 प्रतिशत की गिरावट आती है तो भारत की जीडीपी वृद्धि पर कुल प्रभाव लगभग 0.2 प्रतिशत रहने की संभावना है।

अमेरिका ने लगाया टैरिफ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (donald trump) ने गुरुवार (अमेरिकी समय) को कहा कि उनका प्रशासन फार्मास्युटिकल्स पर संभावित टैरिफ पर भी विचार कर रहा है। जिन क्षेत्रों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ने की संभावना है, उनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, कीमती स्टोन और मशीनरी के अलावा रेडीमेड गारमेंट्स शामिल हैं। कुल मिलाकर, भारत पर उच्च अमेरिकी टैरिफ का सीधा प्रभाव अभी अस्थिर लग रहा है। यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि निर्यात में कमी आती है या नहीं और अगर कमी आती भी है तो यह किस हद तक आती है।

अर्थशास्त्री ने क्या कहा?

बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री अदिति गुप्ता ने कहा, "हालांकि, फार्मा उत्पादों पर छूट और व्यापार समझौते की संभावना इस प्रभाव को सीमित कर सकती है। इसके अलावा, भारत के निर्यातकों के लिए दूसरे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से बाजार हिस्सेदारी हासिल करने का अवसर भी है, जिस स्थिति में ये टैरिफ भारत के लिए मामूली रूप से सकारात्मक हो सकते हैं।"

सभी देशों पर लगे उच्च टैरिफ

अदिति गुप्ता ने कहा कि सभी देशों पर उच्च टैरिफ लगाए गए हैं, इसलिए भारत के लिए नुकसान कुछ हद तक कम हो सकता है। यह देखा जा सकता है कि अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में से दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों जैसे वियतनाम, थाईलैंड, ताइवान और इंडोनेशिया पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगा है, इनकी टैरिफ दरें 32 प्रतिशत से 46 प्रतिशत के बीच हैं। चीन पर टैरिफ दर मौजूदा 20 प्रतिशत के ऊपर बढ़ाकर 34 प्रतिशत कर दी गई है, जबकि भारत के लिए नई टैरिफ दर 27 प्रतिशत निर्धारित की गई है।

12 प्रतिशत रहा निर्यात का हिस्सा

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भारत घरेलू-उन्मुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है, जिसमें कुल जीडीपी में खपत का हिस्सा 60 प्रतिशत है। दूसरी ओर, वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी में व्यापारिक निर्यात का हिस्सा केवल 12 प्रतिशत रहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच अच्छे कूटनीतिक संबंधों को देखते हुए, 2025 के अंत तक पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार सौदे को अंतिम रूप देने की प्रगति तेज होने की उम्मीद है, जिससे प्रभाव और सीमित हो जाएगा।

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