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जब 41 साल पहले अंतरिक्ष से आई थी आवाज- सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तां हमारा

41 साल पहले 1984 में स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा पहली बार अंतरिक्ष में गए थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनसे बात की तो एक लाइन जो पूरे देश में गूंजी वो थी सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तां हमारा।

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Shailendra Gautam
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला बुधवार को अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय नागरिक बन गए। जिस दिन भारतीय अंतरिक्ष मिशन ने एक बड़ी छलांग लगाई, उस दिन उस शख्स को याद करना बेहद खास है जिसने भारत के अंतरिक्ष मिशन की नींव रखी थी। 41 साल पहले 1984 में स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा पहली बार अंतरिक्ष में गए थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनसे बात की तो एक लाइन जो पूरे देश में गूंजी वो थी सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तां हमारा। दरअसल इंदिरा गांधी के उस सवाल के जवाब में राकेश शर्मा ने ये लाइन बोली थी जिसमें प्रधानमंत्री ने पूछा था कि अंतरिक्ष से हमारा देश कैसा दिखता है? Indian Space Station not present in content

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सोवियत संघ और इसरो ने तैयार किया था सैल्यूट 7 मिशन

राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1949 को पंजाब के पटियाला में हुआ था। शर्मा ने 1966 में नेशनल डिफेंस अकादमी (NDA) में प्रवेश लिया और 1970 में भारतीय वायु सेना में पायलट के रूप में नियुक्त हुए। एयरफोर्स में रहने के दौरान ही उनका चयन उस दल के लिए हुआ जिसे सोवियत संघ और इसरो ने संयुक्त प्रयास के तहत अंतरिक्ष में रवाना किया था। राकेश शर्मा और सोवियत संघ के दो अंतरिक्ष यात्री 2 अप्रैल 1984 को सोयूज टी-11 रॉकेट पर सवार होकर अंतरिक्ष में गए थे। सैल्यूट 7 अंतरिक्ष स्टेशन के लिए यह एक आठ दिवसीय मिशन था। इसरो और सोवियत इंटरकॉसमॉस ने मिलकर इसके लिए प्लानिंग की थी।

शर्मा अपने साथ ले गए थे सूजी का हलवा, आलू छोले और पुलाव

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राकेश शर्मा भारतीय व्यंजनों को अंतरिक्ष में लेकर गए थे। अपने अंतरिक्ष प्रवास के दौरान उन्होंने अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ सूजी का हलवा, आलू छोले और पुलाव जैसे व्यंजन साझा किए। ये चीजें प्रयोगशाला ने उनके लिए पैक की थीं। अंतरिक्ष में राकेश शर्मा ने कई ऐसे काम भी किए थे जो लीक से हटकर थे। उन्होंने शून्य गुरुत्वाकर्षण योग किया। माना जाता है कि ऐसा करने वाले पहले व्यक्ति थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब उनसे पूछा कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है, तो उन्होंने इकबाल की कविता की एक पंक्ति सुनाई और प्रधानमंत्री को बताया कि ‘सारे जहां से अच्छा।’ 

राकेश शर्मा को मिला था सोवियत संघ के हीरो का सम्मान 

भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री ने यह भी बताया कि अंतरिक्ष में पृथ्वी को देखने के लिए सबसे अच्छा समय सूर्योदय और सूर्यास्त है। अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय होने का गौरव प्राप्त करने के अलावा, शर्मा सोवियत संघ के हीरो का सम्मान पाने वाले पहले भारतीय भी बने। उनके साथी रूसी अंतरिक्ष यात्रियों को भारत के सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था।

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