नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को दो अलग अलग तरह के माहौल देखने को मिले। सुबह सीजेआई बीआर गवई बेहद खफा थे और बार प्रधानों के सामने मिन्नतें भी कर रहे थे। लेकिन दोपहर बाद उनका एक अलग ही रूप देखने को मिला। वो अपने दफ्तर से निकलकर उस पार्किंग में आए जहां जजों की कारें खड़ी होती हैं। उनके साथ वो जस्टिस बेला एम त्रिवेदी भी थीं जिनका वकीलों ने बहिष्कार कर दिया था। सीजेआई ने बड़े सम्मान के साथ उनको उनकी कार में बिठाया और फिर खुद कार को धक्का लगाया। ऐसा सुप्रीम कोर्ट में पहली बार हो रहा था।
आखिरी दिन साथी जज मिलकर देते हैं रिटायर जज की कार को धक्का
सुप्रीम कोर्ट की रवायत के मुताबिक कोई जज जब रिटायर होता है तो ceremonial बेंच के उठने के बाद सारे जज अपने साथी के साथ नीचे पोर्टिको में आते हैं। सारे मिलकर पोर्टिको के एंट्रेंस पर खड़े हो जाते हैं। रिटायर जज को गार्ड आफ आनर देकर उनकी कार में बिठाया जाता है और फिर सारे जज उस कार को धक्का लगाकर आगे बढ़ाते हैं। ये सीन हर उस समय पर दिखता है जब कोई जज रिटायर होता है। लेकिन पहले कभी ऐसा नहीं देखा गया कि सीजेआई उस रवायत का हिस्सा बना हो। सीजेआई का अपना प्रोटोकाल होता है।
जस्टिस त्रिवेदी की कार को धक्का देने प्रोटोकाल तोड़कर पहुंचे सीजेआई
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केवी विश्वनाथन ने एक सेमिनार में ये वाकया सुनाया। उन्होंने पहले सीजेआई से माफी मांगी कि इस बात को वो पब्लिक प्लेटफार्म पर रख रहे हैं। फिर उन्होंने सारा किस्सा सिलसिलेवार बताया। उनका कहना था कि जब सीजेआई की अपील के बावजूद भी दोनों बार जस्टिस त्रिवेदी को फेयरवेल देने पर राजी नहीं हुईं तो वो आहत दिखे। तकरीबन 1.30 बजे जस्टिस त्रिवेदी को विदा करना था। सारे जज पोर्टिको में पहुंच चुके थे। इंतजार था तो जस्टिस त्रिवेदी का। सारे जज तब हैरत में रह गए जब जस्टिस त्रिवेदी के साथ सीजेआई दिखे। दरअसल सीजेआई अपने चेंबर से उठकर जस्टिस त्रिवेदी के चेंबर में गए और फिर उनको साथ लेकर ग्राउंड फ्लोर पर बने पोर्टिको में आए। गार्ड आफ आनर हुआ और फिर जब सारे जज मिलकर जस्टिस त्रिवेदी कीकार को धक्का देने लगे तो उसमें सबसे आगे सीजेआई गवई थे। सारे जज उनके रवैये से नतमस्तक हो गए।
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