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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः दक्षिण कश्मीर में भारी बाढ़ के बाद बुधवार को जम्मू-कश्मीर का अनंतनाग जिला न्यायालय परिसर पूरी तरह जलमग्न हो गया। बाढ़ के बावजूद प्रधान जिला न्यायाधीश ताहिर खुर्शीद रैना स्थिति का आकलन करने और यह तय करने के लिए नाव से अदालत परिसर पहुंचे कि न्यायिक कार्य, विशेष रूप से बेहद जरूरी मामलों पर असर न हो।
दक्षिण कश्मीर में बाढ़ के कारण हालात चिंताजनक
दक्षिण कश्मीर में बाढ़ के कारण नियमित न्यायिक कार्य ठप हो गया। हालात इतने ज्यादा बदतर हैं कि अदालत कक्ष, दफ्तरों और रिकॉर्ड रूम पानी में डूब गए। लेकिन प्रधान सत्र न्यायाधीश ने पानी की परवाह न करते हुए कोर्ट परिसर का दौरा किया। इस दौरान दिखा कि वो किस तरह से नाव में बैठकर अदालत की स्थिति का जायजा ले रहे थे।
उन्होंने रिमांड और जमानत आवेदनों के संबंध में पुलिस अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए। प्रधान जिला न्यायाधीश ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के दौरान भी न्याय तक पहुंच से इनकार नहीं किया जा सकता। न्यायपालिका को इस स्थिति से निपटने के लिए आगे आना होगा। बाढ़ ने अदालत को भले ही डुबो दिया हो, लेकिन न्याय को डूबने नहीं देना चाहिए। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट फिरोज अहमद खान भी उनके साथ थे।
रिकार्ड को बचाने में जुटे अदालत के मुलाजिम
अदालत के अधिकारियों ने बताया की कि बाढ़ के कारण नियमित कार्यवाही स्थगित कर दी गई है। फिलहाल सारा प्रयास इस बात को लेकर है कि किसी तरह से रिकार्ड को बचा लिया जाए। न्यायपालिका ने इसके लिए एनडीआरएफ की मदद भी मांगी है। उनसे कहा गया है कि किसी भी तरह से रिकार्ड को बचा लिया जाए तो पानी उतरने के बाद न्यायिक कार्य पहले की तरह से कर लिया जाएगा। लेकिन अगर रिकार्ड ही खराब हो गया तो बहुत सारी मुश्किलें बाद में पेश आएंगी।
उधर, बार ने जज रैना के नाव में दौरा करने पर कहा कि ये देखना सुखद था कि एक जज अपने काम को कितनी ज्यादा तरजीह देते हैं। वो नाव में बैठकर अदालत परिसर तक आए तो लगा कि वो कितने संजीदा हैं।
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