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"शुभांशु शुक्ला की जगह दलित क्यों नहीं? कांग्रेस नेता उदित राज के सवाल से मचा सियासी भूचाल!"

कांग्रेस नेता उदित राज ने Axiom 4 मिशन से लौटे भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभ्यांशु शुक्ला के चयन पर सवाल उठाते हुए दलित प्रतिनिधित्व की बात कही है। उन्होंने तर्क दिया कि अब जब दलित और पिछड़े वर्ग के लोग शिक्षित हैं, तो उन्हें मौका मिलना चाहिए था।

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Ajit Kumar Pandey

"शुभांशु शुक्ला की जगह दलित क्यों नहीं? कांग्रेस नेता उदित राज के सवाल से मचा सियासी भूचाल!" | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और Axiom 4 मिशन के दल की वापसी पर कांग्रेस नेता उदित राज ने जातिगत सवाल उठाकर सबको हैरान कर दिया है। कांग्रेस पार्टी के नेता उदित राज ने सवाल उठाया है कि दलित और पिछड़े वर्ग के लोग अब शिक्षित हैं, तो अंतरिक्ष मिशन में उन्हें मौका क्यों नहीं मिला, जबकि पहले राकेश शर्मा के समय शिक्षा का स्तर उतना नहीं था। इसलिए शुभांशु शुक्ला की जगह किसी दलित को Axiom 4 मिशन पर भेजा जाना चाहिए था।  

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आज मंगलवार 15 जुलाई 2025 शाम को Axiom 4 मिशन से भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनके साथियों की धरती पर वापसी कर रहे हैं। यह देश के लिए गर्व का क्षण रहेगा, लेकिन इस खुशी के बीच कांग्रेस नेता उदित राज का एक बयान तूफान बनकर उभरा है। उन्होंने सीधे तौर पर जातिगत प्रतिनिधित्व का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस बार किसी दलित को अंतरिक्ष में भेजा जाना चाहिए था। उनका तर्क है कि जब पहले राकेश शर्मा अंतरिक्ष में गए थे, तब SC, ST, OBC वर्ग के लोग उतने शिक्षित नहीं थे, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है।

उदित राज के बयान का पूरा सच: "शुक्ला जी की जगह दलित..."

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उदित राज ने अपने बयान में कहा, "जब पहले राकेश शर्मा को भेजा गया था, तब SC, ST, OBC लोग उतने शिक्षित नहीं थे। इस बार, मुझे लगता है कि एक दलित को भेजने की बारी थी... ऐसा नहीं है कि NASA ने परीक्षा आयोजित की, और फिर चयन हुआ। शुक्ला जी की जगह किसी भी दलित या OBC को भेजा जा सकता था।" यह बयान कई सवाल खड़े करता है: क्या अंतरिक्ष यात्रियों का चयन जाति के आधार पर होना चाहिए? क्या योग्यता और क्षमता से अधिक सामाजिक प्रतिनिधित्व महत्वपूर्ण है?

योग्यता बनाम प्रतिनिधित्व: अंतरिक्ष मिशन का पैमाना क्या हो?

अंतरिक्ष मिशन अत्यधिक जटिल और जोखिम भरे होते हैं। इनमें जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों का चयन उनकी उत्कृष्ट योग्यता, कठोर प्रशिक्षण, शारीरिक और मानसिक दृढ़ता के आधार पर होता है। NASA या किसी भी अन्य अंतरिक्ष एजेंसी का चयन प्रक्रिया बेहद सख्त होती है। इसमें शिक्षा, अनुभव, विशिष्ट कौशल और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की क्षमता जैसे कई मापदंड देखे जाते हैं। यह मानना कि किसी को सिर्फ जाति के आधार पर अंतरिक्ष में भेजा जा सकता है, कई विशेषज्ञों को अखर रहा है।

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कठोर चयन प्रक्रिया: अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए सालों की कड़ी मेहनत और विशिष्ट वैज्ञानिक/तकनीकी पृष्ठभूमि की आवश्यकता होती है।

वैज्ञानिक दक्षता: मिशन की सफलता के लिए अंतरिक्ष यात्री का वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से दक्ष होना अनिवार्य है।

जीवन का जोखिम: यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां छोटी सी गलती भी जानलेवा हो सकती है, इसलिए समझौते की कोई गुंजाइश नहीं होती।

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क्या ऐसे में जातिगत आरक्षण का विचार वैज्ञानिक प्रगति और सुरक्षा से समझौता करने जैसा नहीं होगा? यह एक ऐसा सवाल है जिस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।

राकेश शर्मा और जाति का संदर्भ : क्या समानता उचित है?

उदित राज ने राकेश शर्मा का भी जिक्र किया, जो भारत के पहले और एकमात्र अंतरिक्ष यात्री हैं। उन्होंने कहा कि उनके समय दलित और ओबीसी इतने शिक्षित नहीं थे। यह तुलना अपने आप में कई विरोधाभास पैदा करती है। राकेश शर्मा का चयन भारतीय वायु सेना के एक पायलट के रूप में उनकी असाधारण क्षमताओं और तत्कालीन सोवियत संघ के साथ हुए संयुक्त मिशन के तहत हुआ था। उस समय भारत में अंतरिक्ष यात्रियों के चयन की अपनी कोई स्वतंत्र प्रक्रिया नहीं थी। क्या तब जातिगत प्रतिनिधित्व का सवाल उठाना भी तर्कसंगत होता?

आज भारत के हर कोने से, हर वर्ग से प्रतिभाशाली युवा सामने आ रहे हैं। कई दलित और आदिवासी युवा भी विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि चयन प्रक्रियाओं को योग्यता से हटाकर सिर्फ जाति के आधार पर कर दिया जाए। अंतरिक्ष मिशन जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में मेरिट सबसे ऊपर होनी चाहिए।

यह देखना दिलचस्प होगा कि उदित राज के इस बयान पर अन्य राजनीतिक दल कैसी प्रतिक्रिया देते हैं। क्या यह एक छोटी सी राजनीतिक टिप्पणी बनकर रह जाएगी या फिर यह अंतरिक्ष और विज्ञान जैसे क्षेत्रों में भी आरक्षण पर एक बड़ी बहस को जन्म देगी?

Congress Party | SC ST OBC reservation

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