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CBI रिपोर्ट से महुआ मोइत्रा की बढ़ेगी बेचैनी? लोकपाल को सौंपी जांच! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । सांसदों के लिए ये खबर बेहद अहम है! तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। आज सोमवार 28 जुलाई 2025 को CBI ने 'कैश-फॉर-क्वेरी' घोटाले में अपनी विस्तृत रिपोर्ट लोकपाल को सौंप दी है, जिसमें गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यह रिपोर्ट महुआ मोइत्रा के राजनीतिक भविष्य पर गहरा असर डाल सकती है।
भारतीय राजनीति में 'कैश-फॉर-क्वेरी' घोटाले ने एक बार फिर हलचल मचा दी है। यह मामला तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा से जुड़ा है, जिन पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे और महंगे तोहफे लेकर संसद में प्रश्न पूछने का आरोप है। CBI ने इस हाई-प्रोफाइल मामले में गहन जांच की है और अपनी रिपोर्ट लोकपाल को सौंप दी है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद महुआ मोइत्रा का नाम एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।
जांच की आंच: कैसे शुरू हुई थी CBI की पड़ताल?
यह मामला तब सामने आया जब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्रई ने महुआ मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि मोइत्रा ने लोकसभा में प्रश्न पूछने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली है। इन आरोपों के बाद लोकसभा से महुआ मोइत्रा को निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद लोकपाल ने CBI को इस मामले की जाँच के निर्देश दिए थे।
CBI की रिपोर्ट में क्या है? क्या हैं महुआ मोइत्रा पर लगे आरोप?
CBI ने अपनी प्राथमिक जांच में आरोपों को गंभीर पाया और लोकपाल को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में उन सभी पहलुओं को शामिल किया गया है जिनकी जांच CBI ने की है। इसमें पैसों के लेनदेन, महंगे तोहफों और हीरानंदानी के दुबई स्थित घर से संसद के लॉगिन क्रेडेंशियल्स का इस्तेमाल कर प्रश्न पूछने के आरोप शामिल हैं। CBI सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में कई ऐसे सबूत पेश किए गए हैं जो इन आरोपों को बल देते हैं। अब लोकपाल इस रिपोर्ट का अध्ययन करेगा और आगे की कार्रवाई तय करेगा।
मुख्य आरोप: कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे और महंगे गिफ्ट्स लेकर संसद में सवाल पूछना।
लॉगिन क्रेडेंशियल्स का दुरुपयोग: हीरानंदानी के दुबई स्थित घर से संसद के लॉगिन आईडी का इस्तेमाल कर सवाल पूछने का दावा।
निष्कासन: आरोपों के बाद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित किया गया।
लोकपाल के फैसले का इंतजार
अब सबकी निगाहें लोकपाल पर टिकी हैं। लोकपाल CBI की इस रिपोर्ट का गहनता से अध्ययन करेगा और उसके आधार पर फैसला लेगा। यदि लोकपाल आरोपों को सही पाता है, तो महुआ मोइत्रा के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की सिफारिश की जा सकती है। यह मामला भारतीय राजनीति में पारदर्शिता और नैतिकता पर एक बड़ी बहस छेड़ रहा है।
यह घोटाला क्यों है इतना अहम?
यह 'कैश-फॉर-क्वेरी' घोटाला केवल एक सांसद के खिलाफ आरोपों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संसदीय प्रक्रियाओं की शुचिता पर भी सवाल उठाता है। यदि पैसे लेकर संसद में सवाल पूछे जाते हैं, तो यह सीधे तौर पर लोकतंत्र की नींव को कमजोर करता है। यह घटना सांसदों के आचरण और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है।
Mahua Moitra | CBI investigation