नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | अन्ना विश्वविद्यालय बलात्कार मामले में चेन्नई की एक विशेष महिला अदालत ने 2 जून को आरोपी ए. ज्ञानसेकरन को दोषी करार देते हुए कम से कम 30 साल के आजीवन कारावास और ₹90,000 के जुर्माने की सजा सुनाई है। यह मामला तमिलनाडु के शैक्षणिक जगत में काफी चर्चा में रहा और न्यायिक प्रक्रिया पर भी व्यापक नज़र रही। ज्ञानसेकरन अन्ना विश्वविद्यालय का पूर्व सहायक था, जिस पर छात्रा के साथ बलात्कार और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगे थे। पीड़िता की शिकायत और पेश किए गए सबूतों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी पाया।
तमिलनाडु में व्यापक आक्रोश का कारण बना
बुधवार को चेन्नई की एक महिला अदालत ने अन्ना विश्वविद्यालय की छात्रा के यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी बिरयानी विक्रेता ए. ज्ञानशेखरन को दोषी पाया। अदालत ने अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत सबूतों को संदेह से परे माना और आरोपी को सभी आरोपों में दोषी करार दिया। 2 जून को सजा सुनाई गई। यह मामला दिसंबर 2024 में तमिलनाडु में व्यापक आक्रोश का कारण बना था। अभियोजन पक्ष ने आरोपी के खिलाफ कुल 11 आरोप लगाए थे, जिन्हें दस्तावेजी और फोरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर साबित किया गया। सरकारी वकील ने बताया कि अदालत ने आज आरोपी को दोषी माना है, जबकि सजा का अंतिम फैसला 2 जून को सुनाया जाएगा।
अभियोजन पक्ष ने अधिकतम सजा की मांग की है, जबकि आरोपी ने नरम सजा की गुहार लगाई और दावा किया कि वह अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला व्यक्ति है। इस पर अदालत ने अभियोजन पक्ष की आपत्ति को स्वीकार किया। यह मामला राजनीतिक विवाद भी पैदा कर चुका है। आरोपों को लेकर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके और आरोपी के कथित संबंधों पर चर्चा हुई थी। पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने जनवरी में स्पष्ट किया था कि आरोपी डीएमके का सदस्य नहीं है, बल्कि केवल एक समर्थक है।
धमकाया और फिर यौन उत्पीड़न किया
पीड़िता ने 23 दिसंबर, 2024 को कोट्टूरपुरम के ऑल वुमेन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने बताया कि जब वह अपने पुरुष मित्र के साथ थी, तब ज्ञानशेखरन ने उसे धमकाया और फिर यौन उत्पीड़न किया। इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले की एफआईआर तमिलनाडु पुलिस की सीसीटीएनएस वेबसाइट से लीक हो गई थी, जिससे मीडिया में हंगामा मच गया। इस पर मद्रास उच्च न्यायालय ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया था, जो एफआईआर लीक की भी जांच कर रहा है।