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भारत की तरक्की से दुनिया में लोगों को डर सता रहा, RSS Chief ने Tariff को लेकर US को घेरा | यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।भारत की आर्थिक तरक्की और वैश्विक प्रभाव से दुनिया के कई देशों को डर सता रहा है। इसी बात का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बिना नाम लिए अमेरिका पर निशाना साधा है। भागवत ने कहा कि भारत के बढ़ते कद से घबराकर ही उस पर ऊंचे टैरिफ लगाए जा रहे हैं।
इंडिया टुडे के अनुसार, महाराष्ट्र के नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, "दुनिया में लोगों को यह डर सता रहा है कि अगर भारत आगे बढ़ा तो उनका क्या होगा। उनका अपना स्थान क्या होगा। इसीलिए भारत के सामानों पर टैरिफ लगाए जा रहे हैं।"
भागवत का यह बयान तब सामने आया जब अमेरिका ने भारत के सामानों पर 50 प्रतिशत तक का भारी टैरिफ लगाया है। डोनाल्ड ट्रंप ने पहले 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया था, जिसे बाद में रूस से तेल खरीद के बहाने बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया।
अमेरिकी टैरिफ पर क्या रहा भारत का रूख
अमेरिका का आरोप है कि भारत रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध के लिए फंडिंग कर रहा है। हालांकि, भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है और टैरिफ को "अनुचित, अन्यायपूर्ण और अतार्किक" बताया है। भारत का कहना है कि वह किसी भी दबाव में नहीं आएगा।
मोहन भागवत ने आगे कहा कि दुनिया की आज की समस्याएं ‘सिर्फ मैं’ वाले दृष्टिकोण की वजह से हैं। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में समाधान तलाशे जा रहे हैं, लेकिन उनकी अधूरी दृष्टि के कारण उन्हें रास्ता नहीं मिल रहा है।
भारत के पास है दुनिया की समस्याओं का समाधान
मोहन भागवत ने जोर देकर कहा कि दुनिया की समस्याओं का समाधान भारत के पास है। उन्होंने कहा, "भारत महान है और भारतीयों को भी महान बनने की कोशिश करनी चाहिए।" भागवत ने कहा कि भारत बड़ा है और वह और बड़ा होना चाहता है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीयों में विषम परिस्थितियों में भी संतुष्ट रहने का गुण है। "कोई कमी नहीं रहनी चाहिए, लेकिन अगर यह है तो समय आने पर बदल जाएगी। फिर भी, यहां के लोग कठिनाई और दुख में भी संतुष्ट रहते हैं क्योंकि उनमें यह अपनत्व की भावना है।"
क्या है टैरिफ का पूरा मामला?
जुलाई 2025 में डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जो 1 अगस्त से प्रभावी हो गया। इसके कुछ दिनों बाद उन्होंने भारत की रूसी तेल खरीद को लेकर इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया।
अमेरिका ने भारत पर रूस के यूक्रेन युद्ध में पैसा लगाने का आरोप लगाया। साथ ही, यह भी आरोप लगाया कि भारत रूसी तेल को अन्य देशों को बेचकर "मुनाफाखोरी" कर रहा है।
भारत ने इन सभी आरोपों को गलत बताया है और कहा कि रूस से तेल खरीदना उसके लोगों के हित में है। भारत सरकार अमेरिका के इस दबाव के आगे झुकी नहीं है और इस मामले पर अपनी रणनीति पर सावधानी से आगे बढ़ रही है।
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