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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत में वित्तीय सेवाओं तक पहुंच में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। महिला और पुरुष दोनों के लिए वित्तीय सेवाओं तक पहुंच आसान होना इसका मुख्य परिणाम है, लेकिन भारत को अभी भी और भी वित्तीय सुधार कर निजी निवेश बढ़ाने की सलाह विश्व बैंक ने दी है। वर्ल्ड बैंक ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि भारत को 2047 तक 30 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए वित्तीय क्षेत्र में गहरे सुधार करने और निजी पूंजी निवेश को बढ़ावा देने की जरूरत है। रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के डिजिटल सार्वजनिक ढांचे और सरकारी योजनाओं ने पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए वित्तीय सेवाओं तक पहुंच में उल्लेखनीय सुधार किया है।
जानें क्या कहती है FSAP रिपोर्ट
विश्व बैंक की वित्तीय क्षेत्र मूल्यांकन रिपोर्ट (FSAP) के अनुसार, भारत को सहकारी बैंकों पर नियामक प्राधिकरण का विस्तार करना चाहिए। साथ ही वित्तीय नियामकों की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए उनके विभागों का पुनर्गठन करने की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में एनबीएफसी (NBFC) के पैमाना-आधारित नियमन की सराहना की गई है, जो इस क्षेत्र की विविध आवश्यकताओं को ध्यान में रखता है।
भारत के पूंजी बाजार ने बड़ी छलांग लगाई
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले मूल्यांकन के बाद भारत के पूंजी बाजार (इक्विटी, सरकारी बॉन्ड और कॉरपोरेट बॉन्ड) GDP के 144% से बढ़कर 175% तक पहुंच गए हैं। विश्व बैंक ने कहा कि इन उपलब्धियों को बनाए रखने के लिए ऋण वृद्धि, जोखिम-साझाकरण तंत्र और प्रतिभूतिकरण प्लेटफॉर्म विकसित करने की दिशा में कदम उठाने की जरूरत है।
World Bank | FSAP Report
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