बागपत, वाईबीएन डेस्क: बागपत जनपद में मिलावटखोरों ने ऐसा जाल बिछाया है कि बाजार में बिकने वाला हर दूसरा खाद्य उत्पाद शक के घेरे में है। जब भी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग (एफएसडीए) और स्वास्थ्य विभाग मिलकर कार्रवाई करते हैं, तो लिए गए नमूनों में से 50% से अधिक जांच में फेल हो जाते हैं। मंचूरियन, फ्रेंच फ्राई, टोमैटो सॉस, शेजवान चटनी में जहरीले रंगों का प्रयोग, चिली सॉस में सस्ती चटनी, मक्खन की जगह दूध की क्रीम और घी की जगह रिफाइंड-वनस्पति का उपयोग आम बात हो गई है। नकली खोया और दूध का कारोबार भी खूब फल-फूल रहा है।
मिठाइयों में भारी मिलावट पाई गई
पिछले वित्तीय वर्ष में एफएसडीए ने जिले भर से 200 से अधिक खाद्य नमूने एकत्र किए थे। इनमें से 150 से अधिक की जांच हुई, जिनमें से 80 नमूनों में मिलावट की पुष्टि हुई। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विशेषकर मिठाइयों में भारी मिलावट सामने आ रही है। बीते तीन वर्षों के दौरान विभाग ने 500 से ज्यादा नमूने जांच के लिए भेजे, जिनमें से करीब 250 नमूने फेल पाए गए। खाद्य सुरक्षा अधिकारी मानवेंद्र सिंह के अनुसार, अप्रैल और मई महीने में 170 जगह निरीक्षण किया गया, जहां से 64 नमूने लिए गए। इनमें से 40 की रिपोर्ट आ चुकी है, और 25 नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरे। कोर्ट के आदेश के तहत इन मामलों में मिलावटखोरों से 3.30 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है।
दिल्ली-एनसीआर तक फैल रहा है जहर
बागपत के मिलावटखोर केवल स्थानीय लोगों की सेहत से ही नहीं, बल्कि दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम के लोगों की जान से भी खिलवाड़ कर रहे हैं। यहां से नकली दूध, मावा और अन्य खाद्य उत्पाद रोजाना भारी मात्रा में दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न इलाकों में सप्लाई किए जा रहे हैं।
अधिकारी बोले अब बढ़ेगी सख्ती
खाद्य सुरक्षा अधिकारी मानवेंद्र सिंह का कहना है कि फिलहाल केवल संदिग्ध खाद्य वस्तुओं के नमूने लिए जा रहे थे, लेकिन अब जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा और कार्रवाई को और भी तेज किया जाएगा।