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यमुना ने पार किया खतरे का निशान, कैसे निपटेगी सरकार?

जुलाई 2023 की विनाशकारी बाढ़ की यादें अभी भी ताजा हैं। उस साल यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर पर पहुंच गया था, जिससे 23 हजार से ज्यादा लोगों को घर खाली करने पड़े थे।

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Shailendra Gautam
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waterlevelinYamuna Photograph: (IANS)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः बात 2023 की है। अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम थे और यमुना का पानी लालकिले तक पहुंच गया था। बीजेपी ने उनको निशाने पर लेते हुए जमकर हल्ला किया था। दो साल बाद हालात फिर से वैसे ही बनते जा रहे हैं। यमुना खतरे के निशान को पार कर चुकी है। सरकार युद्ध स्तर पर इससे निपटने की तैयारी कर रही है।

लेकिन बड़ा सवाल ये है कि दिल्ली वालों का इसमें क्या कसूर है। गर्मी होती है तो यही यमुना उनको प्यासा मारने लग जाती है। बरसात आती है तो यही विनाशकारी साबित होने लग जाती है। सारे झमेले के पीछे अगर कोई है तो वो है हरियाणा। गर्मियों में वो पानी इस वजह से रोक लेता है कि उसे जरूरत है तो बरसात में पानी इस वजह से दिल्ली की तरफ बहा देता है क्योंकि इससे उसे खतरा महसूस होता है। खास बात है कि पहले दिल्ली में गैर बीजेपी सरकार थी तो हरियाणा में बीजेपी की। अब दिल्ली और हरियाणा दोनों ही जगहों बीजेपी सरकार है। 

खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बह रही यमुना

खबरें कहती हैं कि दिल्ली में यमुना नदी ने अपने खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर लिया है, जिससे शहर अलर्ट मोड में है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को बाढ़ की तैयारियों का जायजा लिया। दो साल से ज्यादा समय में यह पहली बार है जब नदी ने इस महत्वपूर्ण स्तर को पार किया है। सोमवार रात तक ही यमुना का जलस्तर 205.63 मीटर तक पहुंच गया था। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने जलस्तर में और ज्यादा वृद्धि की बात कही है। मंगलवार दोपहर 2 बजे तक नदी के 206 मीटर के निशान को पार करने का अनुमान है। इस निशान के पहुंचने के बाद निचले बाढ़ क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को निकालने का काम शुरू हो जाएगा।

हथनीकुंड से पानी का बहाव बढ़ा

यमुना नदी के जलस्तर में तेज़ी से और अचानक वृद्धि हरियाणा के हथनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण हुई है। अधिकारियों ने दावा किया है कि रविवार दोपहर 1 बजे से सोमवार सुबह 1 बजे तक लगभग 12 घंटे तक लगातार 1,00,000 क्यूसेक से ज़्यादा पानी छोड़ा गया। इसमें रविवार शाम 4 बजे छोड़ा गया 1,78,996 क्यूसेक पानी भी शामिल है। इस मौसम का अब तक का सबसे ज्यादा पानी का बहाव है।

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सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण (आईएंडएफसी) महकमे ने अपनी 40 में से 34 नावों को समुद्र में उतार दिया है। नदी के किनारों पर लाउडस्पीकर लगाकर लोगों को अलर्ट कर रहा है। आईएंडएफसी के एक अधिकारी ने कहा कि अनुमान है कि रात लगभग 2 बजे तक नदी का जलस्तर 206 मीटर तक पहुंच जाएगा। निकासी 2 बजे से 4 बजे के बीच होगी।

जुलाई 2023 में बेकाबू हो गए थे हालात

जुलाई 2023 की बाढ़ की यादें अभी भी ताजा हैं। उस साल हथिनीकुंड से रिकॉर्ड पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड 208.66 मीटर पर पहुंच गया था, जिससे 23 हजार से ज्यादा लोगों को घर खाली करने पड़े थे। पिछले साल का उच्चतम स्तर 204.38 मीटर था। यानि खतरे के निशान से नीचे था।

आंकड़े बताते हैं कि यमुना नदी पिछले 63 वर्षों में से 53 बार चेतावनी स्तर और 14 वर्षों में 206 मीटर के निशान को पार कर चुकी है। इससे नदी के खतरनाक पैटर्न का पता चलता है। नदी के किनारे रहने वालों के लिए यह रूटीन जैसा हो गया है। उनको पता है कि हर साल झोला उठाकर बागना ही होगा, लेकिन उनके पास कोई और विकल्प भी तो नहीं है। नदी किनारे रहने वाले लोग कहते हैं कि हमारा अस्तित्व इस नदी पर निर्भर है, लेकिन यह हमसे सब कुछ छीन लेती है। हम बस यही प्रार्थना करते हैं कि इस बार नुकसान बहुत ज्यादा न हो। 

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