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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कःगोरखपुर में रहने वाली पंखुड़ी त्रिपाठी कक्षा 7 की छात्रा है। वो बनना तो चाहती है आईएएस अधिकारी पर अभी उसे 7वीं पास करने के लिए भी लोहे के चने चबाने पड़ रहे हैं। गौर करने वाली बात ये है कि सीएम योगी आदित्यनाथ पंखुड़ी को वचन देकर आए थे कि वो उसकी पढ़ाई पूरी कराकर आईएएस बनने में मदद करेंगे। लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी योगी लड़की की फीस नहीं भरवा पा रहे। पंखुड़ी के सामने संकट है कि वो 7वीं की पढ़ाई कैसी पूरी करे।
अखिलेश का तंज- झूठ न बोलें सीएम, पंखुड़ी को हम पढ़ाएंगे
खास बात है कि सीएम होने के साथ गोरखपुर योगी आदित्यनाथ का गढ़ है। वह गोरखनाथ मठ के मुख्य पुजारी हैं और राज्य के मुख्यमंत्री बनने से पहले पांच बार गोरखपुर से सांसद चुने गए थे। लेकिन फिर भी एक स्कूल उनकी बात नहीं मान रहा। उधर, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी पर तंज कसते हुए कहा कि लड़की की पढ़ाई नहीं रुकेगी। यह भाजपा के 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के झूठे नारों की सच्चाई है। हम भाजपा से आग्रह करते हैं कि वह बच्चों से झूठ न बोले।
पिता बीमार, पंखुड़ी पर बकाया है स्कूल की 18 हजार की फीस
दरअसल, पंखुड़ी त्रिपाठी के परिवार को उस समय बड़ा झटका लगा जब उसके पिता राजीव एक दुर्घटना में जख्मी हो गए। उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी। काम नहीं रहा तो वो पखुड़ी की फीस भरने में भी लाचार हो गए। जब कोई रास्ता नहीं दिखा तो परिवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद मांगी, जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि लड़की की शिक्षा में कोई बाधा नहीं आएगी। लेकिन कक्षा 7 की छात्रा का कहना है कि स्कूल प्रबंधन ने उसकी फीस माफ करने से इनकार कर दिया है। पंखुड़ी त्रिपाठी गोरखपुर के पक्कीबाग में सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ती हैं। आरएसएस की शिक्षा शाखा विद्या भारती का स्कूल कक्षा 7 के छात्रों से 1650 रुपये मासिक शुल्क लेता है। पंखुड़ी पर लगभग 18 हजार रुपये बकाया हैं। पंखुड़ी ने कहा कि वो फीस माफी की मांग लेकर मुख्यमंत्री के पास गई थी। उन्होंने मुझे एक चॉकलेट दी और आश्वासन दिया कि यह काम हो जाएगा। लेकिन जब मैं अपने पिता के साथ स्कूल गई तो उन्होंने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया। हमें बताया गया कि फीस माफ नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि अगर बाकी अभिभावक भी फीस माफी की मांग करेंगे तो स्कूल नहीं चल पाएगा। उन्हें शिक्षकों को वेतन देना होता है। पंखुड़ी ने कहा कि मेरे पिता टूट गए। किसी ने उनसे इस तरह बात नहीं की थी। लेकिन मुझे भरोसा है कि मुख्यमंत्री मेरे सपने को टूटने नहीं देंगे। मैं कड़ी मेहनत करूंगी और आईएएस अधिकारी बनूंगी।
सीएम योगी ने दिया था मदद का भरोसा पर नहीं मान रहा स्कूल
पंखुड़ी के पिता राजीव त्रिपाठी ने कहा कि वह कोविड के आने से पहले दूसरे राज्य में काम करते थे। उस दौरान पैर में चोट लग गई। उनकी नौकरी चली गई। दोनों बच्चे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ते हैं। बेटा कक्षा 12 में पढ़ता है और बेटी कक्षा 7 में है। बेटी फरवरी के बाद स्कूल नहीं गई। पैसे न होने के चलते उन्होंने अपनी बेटी को एक साल के लिए स्कूल से निकालने के बारे में सोचा। फिर किसी ने सलाह दी कि योगी से मिलो। वो 1 जुलाई को जनता दरबार गए और योगी से मदद मांगी। उन्होंने तुरंत अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि मेरी बेटी की पढ़ाई बंद न हो। education system in Uttar Pradesh | cm yogi uttar pradesh not present in content
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