नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई के लिए 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गठन किया गया है। यह 7 डेलिगेशन की टीम ऑपरेशन सिंदूर की जरूरत और बारीकी समझाने के लिए साझेदार देशों में जाएगी। सत्ता पक्ष और विपक्षी पार्टियों से कुल 7 वरिष्ट सांसदों का शामिल किया गया है। इनमें भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा के साथ ही कांग्रेस के शशि थरूर भी शामिल हैं। इसके अलावा संजय कुमार झा (JDU) कनिमोझी करुणानिधि (DMK) सुप्रिया सुले (NCP) शमिल है। इन वरिष्ट नेताओं के साथ महाराष्ट्र के शिंदे गुट के नेता श्रीकांत एकनाथ शिंदे का नाम भी शामिल है। आइए, जानते हैं कौन श्रीकांत एकनाथ शिंदे जिनपर मोदी सरकार ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में भरोसा जताया है।
कौन हैं श्रीकांत शिंदे?
श्रीकांत शिंदे किसी पहचान के मोहताज नहीं है, महाराष्ट्र के कल्याण लोकसभा सीट से सांसद के तौर पर उनकी बड़ी लोकप्रियता है। लोग इसलिए भी उन्हें जानते हैं क्योंकि वो महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे हैं। श्रीकांत एकनाथ शिंदे का जन्म 4 फरवरी 1987 को हुआ। श्रीकांत शिंदे नेता के अलावा एक योग्य डॉक्टर भी हैं। उन्होंने एमबीबीएस के बाद एम.एस. ऑर्थोपेडिक्स
की डिग्री हासिल की। उन्होंने डॉ. डी वाई पाटिल मेडिकल कॉलेज, नवी मुंबई से एम.एस. पूरा किया। शिंदे के परिवार के सदस्यों में उनके पिता एकनाथ शिंदे, मां लता, पत्नी वृषाली और बेटा रुद्रांश शामिल हैं।
श्रीकांत शिंदे का राजनीतिक सफर
शिंदे पहली बार 2014 के चुनावों में कल्याण लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। वे अब तक के सबसे कम उम्र के मराठा सांसद बने।उन्होंने मई 2019 में उसी निर्वाचन क्षेत्र से दूसरी बार चुनाव जीता। 2024 की 18वीं लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन में शामिल शिवसेना से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने महाराष्ट्र के कल्याण लोकसभा क्षेत्र से तीसरी बार सांसद के रूप में 2,09,144 मतों के अंतर से जीत हासिल की।
राजनीतिक करियर के अहम फैसले
श्रीकांत शिंदे ने 2017 में लोकसभा सत्र के दौरान कल्याण और डोंबिवली स्टेशनों के पुनर्निर्माण की मांग उठाई। शिंदे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्होंने डोंबिवली एमआईडीसी सड़कों के लिए डिवीजन में सड़कों के लिए 110 करोड़ रुपये मंजूर करवाए।कल्याण ग्रामीण, टिटवाला, डोंबिवली को जोड़ने के लिए कल्याण रिंग रोड परियोजना, कल्याण-शिलफटा रोड, ऐरोली-कटाई फ्री वे, जलमार्ग परिवहन परियोजना (कल्याण-ठाणे-मुंबई) अस्पतालों और अन्य सेवाओं का नवीनीकरण जैसे कई परियोजनाओं पर फैसले लिए और काम करवाए।